कोरबा । आदर्श ग्राम पंचायत में किस तरह आदर्श घोटाले हुए है इसका अंदाजा जांच से पहले दस्तावेज गायब होने से लगाया जा सकता है। सचिव के स्थान्तरण होते ही चौदहवा वित्त आयोग की राशि की बंदरबांट करने के बाद अब जाँच को भी प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। सांसद आदर्श ग्राम तिलकेजा के सरपंच कुल सिंह कंवर, पूर्व सचिव एनपी डहरिया के 7 मई 2015 से 23 सितम्बर 2020 के मध्य कार्यकाल में हुए विभिन्न योजनाओं के कामकाज, 14 वें वित्त में बड़ी गड़बड़ी और घोटाले की शिकायत है।
कोरबा जनपद अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव व अन्य जनपद सदस्यों ने पूर्व में यह शिकायत कर जांच की मांग की थी। इस पर जांच कमेटी गठित कर पड़ताल कराई जा रही है। इस बीच 5-6 दिन पहले सचिव ने पंचायत भवन से दस्तावेजों के चोरी/गायब हो जाने की लिखित शिकायत उरगा थाना में की है। शिकायत पर जांच जारी है कि दस्तावेज चोरी हुए भी हैं या जांच की दिशा बदलने की कोशिश हो रही है। जांचकर्ता पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता को नोटिस दे कर जवाब मांगा जा रहा है कि कब, कहां से और कैसे तथा क्या-क्या दस्तावेज चोरी/गायब हुए हैं। बहरहाल लाखों की गड़बड़ी की जांच शुरू होने के दौरान ही दस्तावेजों का चोरी हो जाना ग्रामीणों को कुछ जम नहीं रहा।
दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि जांच दल ने गड़बड़ी से जुड़े सारे अहम दस्तावेज और साक्ष्य तो अब तक जप्त कर लिए होंगे। यदि ऐसा नहीं भी हुआ होगा तो मोबाइल, कम्प्यूटर आदि में आजकल सारी जानकारी का आदान- प्रदान और भंडारण होता है तब ऐसे में कागजी दस्तावेज चोरी हो जाने की बात महज जांच को प्रभावित और गुमराह करने के लिए हो सकती है। पुलिस भी कुछ ऐसा ही मान रही है वरना चोरी की रिपोर्ट/सूचना सरपंच द्वारा दी जानी चाहये थी, सचिव द्वारा नहीं। फिलहाल निष्पक्ष प्रशासनिक जांच, प्रतिवेदन और उसके आधार पर कार्यवाही का इंतजार गड़बड़ी के शिकायतकर्ताओं को है।
सचिव के ट्रांसफर की बाद सरपंच ने ख़रीदा ट्रेक्टर
आदर्श ग्राम के सचिव और सरपंच का आपसी सांठगांठ इस कदर प्रभावी था कि दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगते रहे लेकिन शासकीय राशि का बंटवारा दोनों बराबर करते रहे तभी तो एक तरफ सचिव का ट्रांसफर होना और दूसरी तरफ सरपंच के घर ट्रैक्टर खड़ा होना दोनों किसी संयोग से कम नहीं है। बहरहाल सरपंच के ट्रेक्टर खरीदी की चर्चा जोरो पर है।