कोरबा। जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में आदिवासी विभाग के बाबू का मुद्दा एक बार गिर उठा।जिला पंचायत अध्यक्ष शिव कला कंवर ने कहा कि विवादित बाबू को फिर से विभाग के मुख्य कार्य की जवाबदारी दी गई है। अध्यक्ष के प्रश्न का जवाब देते हुए आयुक्त ने कहा ने अरुण दुबे को किसी मुख्य कार्य की जवाबदारी नही दिया है।
शनिवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में मुख्य रूप से दो मुद्दे पर चर्चा हुई। पहला 15 वा वित्त आयोग पर विस्तार से चर्चा की गई। यह पहली दफा है जब किसी योजना पर बारीकियां से सवाल जबाव कर समीक्षा किया गया। 15 वां वित्त आयोग के मद से होने वाले खर्च में जिला पंचायत सदस्य , जनपद सदस्य व ग्राम पंचायत की सहमति के बाद ही योजना बनाने की बात कही।इसी तरह गौठान में पेयजल को लेकर जिला सीईओ ने दो टूक में कहा कि यदि किसी भी गौठान में प्यास से कोई गाय की मौत होंगी तो उसका जवाबदार जनपद सीईओ रहंगे।बैठक में आदिवासी विभाग के कार्यो की समीक्षा के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर ने कहा कि आदिवासी विभाग में पदस्थ लेखापाल अरुण दुबे को हटाने की बात कही । उन्होंने कहा कि जो पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित बाबू को आखिर क्यों फिर से मुख्य कार्य सौंपा गया है। अध्यक्ष के सवाल का जवाब देते हुए आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त एस के वाहने ने कहा कि विभाग में अरुण दुबे को विभाग का कोई भी मुख्य कार्य नही सौपा गया है।