बिश्रामपुर। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दुर्गा पूजा के अवसर पर कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा कोयला श्रमिकों को सालाना बोनस दिया जाएगा। इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने 15 अक्टूबर को मानकीकरण समिति की बैठक बुलाई है।
संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) के केंद्रीय महामंत्री, हरिद्वार सिंह ने इस संबंध में जारी बयान में कहा है कि पिछले वर्ष 64700 रुपए सालाना बोनस दिया गया था। वर्ष 2019-20 में कोल इंडिया का लाभ 16700 करोड़ रुपए है। कोल इंडिया के मैनपावर में भी कमी आई है। यह कोई साधारण वर्ष नहीं रहा है, कोरोना के कारण यह वर्ष बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। कोयला मजदूरों ने लड़ते हुए, मरते हुए, जान जोखिम में डालकर राष्ट्र की सेवा में अपने जान की बाजी लगाई है। ऐसी परिस्थिति में यह बोनस केवल बोनस नहीं है बल्कि बोनस के साथ साथ राष्ट्र की सेवा में अपने जान की बाजी लगाने की प्रोत्साहन राशि भी शामिल होनी चाहिए। इसीलिए इस बार कोयला श्रमिकों को एक लाख रुपए सालाना बोनस मिलना चाहिए। इस विषम परिस्थिति में भी बिना किसी विशेष भत्ते के कोल इंडिया के कर्मचारी देश के हित को सर्वोपरि रखते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर कंधे से कंधा मिलाकर कोयला उत्पादन व कंपनी के कार्य में लगे रहे ताकि देश में कोयले की कमी ना हो, देश में विद्युत आपूर्ति प्रभावित ना हो। इस बार कोयला मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी है एक तरफ जहां कोरोना के कारण कर्मचारियों की मृत्यु हुई है वहीं दूसरी तरफ खदान में हो रही दुर्घटनाओं से भी कोयला मजदूरों की जान गई है। अकेले एसईसीएल में कोरोना के कारण लगभग 30 लोगों की जान अभी तक गई है। हरिद्वार सिंह ने एटक के जेबीसीसीआई सदस्य सह राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार से आग्रह किया है कि इन तमाम पहलुओं को 15 अक्टूबर को होने वाली मानकीकरण समिति की बैठक में रखा जाए एवं कोयला श्रमिकों को एक लाख रुपये सालाना बोनस दिया जाने की मांग बैठक में संगठन की ओर से रखी जाए।