कोरबा। किसी संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उसकी विभिन्न क्रियाओं में सांमजस्य व तालमेल स्थापित करना ‘समन्वय’ कहलाता है। ये बातें एसईसीएल प्रबंधन ने मेगा प्रोजेक्ट गेवरा में प्रथम समन्वय सम्मेलन में कही। समन्वय सम्मेलन में कोरबा कोलफ़ील्ड्स के क्षेत्रों गेवरा, दीपका, कुसमुंडा तथा कोरबा के साथ रायगढ़ क्षेत्र से एरिया महाप्रबंधक, उनके विभागाध्यक्ष सहित कोर टीम, एरिया जेसीसी के सदस्य, कामगार बंधुओं की टीम भाग लेने पहुंची है।
समन्वय सम्मेलन में एसईसीएल शीर्ष प्रबंधन की ओर से डॉ प्रेम सागर मिश्रा, सीएमडी एसईसीएल, मनोज कुमार प्रसाद, निदेशक तकनीकी सह कार्मिक, एसके पाल निदेशक तकनीकी योजना परियोजना, एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य नाथूलाल पाण्डेय, हरिद्वार सिंह,मजरुल हक़ अंसारी,गोपाल नारायण सिंह, व्हीएम मनोहर, मुख्यालय से पधारे विभागाध्यक्ष, अधिकारी कर्मचारी उपस्थिति रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया तथा शहीद कामगारों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया। तदोपरांत, महाप्रबंधक (योजना परियोजना) के राजशेखर द्वारा पॉवर प्वाइंट के ज़रिए कोल इंडिया के मिशन 1 बिलियन में एसईसीएल के अंशदान पर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने बताया, 2024-25 तक कोल इण्डिया के उक्त लक्ष्य में एसईसीएल की हिस्सेदारी लगभग एक चौथाई है।
एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं कुसमुंडा, दीपका, गेवरा के साथ कोरबा और रायगढ़ क्षेत्र के महाप्रबंधकों द्वारा इस वर्ष तथा 1 बिलियन टन टारगेट के परिप्रेक्ष्य में आने वाले वर्षों में क्षेत्र के द्वारा उत्पादन के योगदान पर प्रेजेंटेशन दिया गया। यह देखना सुखद था कि इन सभी क्षेत्रों ने अपने वर्ष 2022-23 के लक्ष्य से आगे बढ़कर उत्पादन करने का संकल्प दुहराया ।
खुला सत्र में हुई लक्ष्य प्राप्ति पर चर्चा
प्रेजेंटेशन उपरांत खुला सत्र रखा गया जो बेहद सफल रहा। इसमें कामगार साथियों से लेकर, सीएमओएआई और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने खुलकर अपने विचार रखे। यह ओपन सेशन था जिसमें कोई भी अपनी बात बिना लाग लपेट के रख सकता था और इसकी सफलता खूब रही जिसे लंच उपरांत पुनः जारी रखा गया। समन्वय सम्मेलन में प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विमर्श व संवाद जारी है।