लखनऊ। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। इस बीच यूपी पावर ऑफिसर्स असोसिएशन ने भी मंगलवार शाम 4 बजे से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। प्रदेश की सभी डिस्कॉम के अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। इससे राज्य में बिजली संकट के और गहराने की आशंका बढ़ गई है। राज्य के बिजली कर्मचारी और संविदाकर्मी सोमवार से हड़ताल पर हैं।
अधिकारियों के असोसिएशन ने एक पत्र जारी कर कहा, ‘5 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री के साथ बातचीत में संगठन और प्रबंधन के बीच सुधारों को लेकर सहमति बन गई थी। मगर पावर कार्पोरेशन के उच्च प्रबंधन का अपनी बात से मुकरना और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। इससे पावर ऑफिसर्स असोसिएशन के सदस्यों के सामने आंदोलन पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
सीएम योगी के साथ बैठक खत्म, 3 महीने निजीकरण टला
उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते बिजली न होने की वजह से अब लोगों को पीने के लिए पानी तक मिलना मुहाल है। हालात की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया और ऊर्जा मंत्री, प्रमुख ऊर्जा सचिव समेत विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग बुलाई। मीटिंग में हड़ताल के कारण उपजी परिस्थितियों पर चर्चा हुई और फैसला किया गया कि निजीकरण को फिलहाल 3 महीने के लिए टाल दिया जाए। हालांकि हड़ताल का भविष्य क्या होगा, यह कर्मचारी संगठनों के रुख पर निर्भर है।
सोमवार से हड़ताल पर बिजलीकर्मी, लोग बेहाल
बता दें कि प्रदेश के बिजली कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर हैं। बीते दो दिनों में जनता का बुरा हाल हो चुका है। फॉल्ट की मरम्मत सहित उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े कामकाज प्रभावित हैं। ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए हैं, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए।