प्रतीकात्मक तस्वीर
कोरबा। जिले में करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण तो दे दिया गया, लेकिन उन्हें प्लेसमेंट कराने में गंभीरता नहीं दिखा रहे। पिछले 8 सालों में जितने लोगों को बुलंद बनाया गया उसमें 50 फ़ीसदी लोगों को ही प्लेसमेंट कराया गया बाद में इनमें से भी 50 फ़ीसदी लोग बेरोजगार हो गए।
उल्लेखनीय है कि हर हाथ को हुनरमंद बनाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी। बाद में इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिलने के बाद केंद्रीय योजना से भी लाभान्वित किया जाने लगा। इस तरह कोरबा जिले में वर्ष 2012 -2013 से योजना की शुरुआत हुई। इन 8 सालों में अब तक जिलेभर में 22 हजार लोगों को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा चुका है। उनके प्रशिक्षण में अब तक करीब 16 करोड़ खर्च किया जा चुका है।लेकिन, जितने लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। उनमें से महज 50 फीसदी हुनरमंद का ही प्लेसमेंट हुआ है सिर्फ 50 फ़ीसदी लोगों को प्लेसमेंट कराने की दिशा में विभाग की ओर से कोई गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है। यही वजह है कि शहर से लेकर गांव में कौशल विकास योजना की प्रशिक्षित हजारों युवक युवतियां अभी बेरोजगार घूम रहे हैं।
इन ट्रेड में मिला प्रशिक्षण
गौरतलब है कि शासन की ओर से योजना के तहत जिले में युवाओं को कंप्यूटर, सिलाई, हॉस्पिलिटी, वाहन चालक, इलेक्ट्रीशियन वाले नंबर मशरूम उत्पादन आदि में प्रशिक्षण दिया गया था।
वर्सन
कौशल विकास योजना के तहत आठ वर्षो में लगभग 22 हजार लोगो ने हुनरमन्द बने है। जिसमे लगभग 52 फीसदी युवा रोजगार से जुड़े है। प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेन्ट एजेंसी जॉब तो दिलाते है लेकिन कुछ लोग दो चार माह बाद काम छोड़ देते है।
ए के मिश्रा, एपीओ
जिला पंचायत कोरबा