कोरबा । जिले में अधिकांश मेडिकल स्टोर नियमों को ताक में रखकर संचालित हो रहे हैं। यहां शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किराना दुकानों में बेख़ौफ़ दवाईयों की बिक्री डॉक्टर के बिना पर्ची से की जा रही है। साथ ही विभाग की उदासीनता से कई मेडिकल स्टोर्स नियम विरूद्घ जुगाड़ के लाइसेंस से चल रहे हैं, जबकि लाइसेंस होल्डर को ही मेडिकल स्टोर संचालित करने का प्रावधान है।
स्वास्थ्य विभाग व ड्रग विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कई मेडिकल स्टोर्स पर प्रतिबंध के बावजूद नशीली दवाइयों की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। मेडिकल स्टोर्स पर नियमित जांच कर कार्रवाई नहीं होने से नशीली दवाइयों का कारोबार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। चिकित्सकों की बिना पर्ची लिखे खुलेआम बिक रही नशीली दवाइयों का प्रभाव युवा वर्ग पर हो रहा है। नशीली दवाइयों को बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर जांच के नाम पर मात्र खानापूर्ति हो रही है। मेडिकल स्टोर्स पर खुले आम चल रहे नशीली दवाओं के कारोबार को रोकने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग असपᆬल है। नशीली दवाओं पर प्रतिबंध के बावजूद भी नगर के कई मेडिकल स्टोर पर नशीली दवा खुलेआम बेची जा रही है। जहां इस सूखे नशे के सेवन से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, वहीं मेडिकल स्टोर संचालक अधिक मुनापᆬा कमा रहे हैं। लगातार शिकायत मिलने के बाद भी ड्रग विभाग कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता निभा रहा है। जिले के अधिकांश शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युवक कोरेक्स, प्रॉक्सीवॉन, डॅायजीपाम, व नशीले इंजेक्शनों का प्रयोग कर रहे हैं।
कोड से बेची जा रही नशीली दवाएं
नशीली दवाइयों का सेवन करने वाले युवा व मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच प्रतिबंधित दवा खरीदने को लेकर कोड का प्रयोग किया जाता है। इसके चलते दुकान में खड़े अन्य व्यक्ति को इसकी भनक तक नहीं लगती। वहीं दुकान संचालक बेख़ौफ़  नशीली दवाईयों की बिक्री कर मोटी रकम की कमाई करता है।

मापदण्ड के विपरित हो रहा दुकानों का संचालन
शासन के निर्देशानुसार फार्मेसी की पढ़ाई करने के बाद मेडिकल स्टोर संचालन के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन जिले के कई दुकानें जुगाड़ में लाइसेंस लेकर बिना योग्यता के दुकान चला रहे हैं। फार्मेसी की पढ़ाई के दौरान दवाईयों की बारीकी से जानकारी दी जाती है। इस आधार पर इन्हें लाइसेंस दिया जाता है। वहीं जुगाड़ में दवा दुकान चलाने वालों को फार्मेसी की जानकारी नहीं आती, लेकिन लाभ कमाने के फेर में वे किराए में लाइसेंस लेकर मेडिकल स्टोर खोलकर मनमाने ढंग से दवाईयां लोगों को बेच रहे हैं।