गंजाम। ओडिशा के गंजाम जिले ने कोरोना संक्रमण (Covid-19 Ganjam model) पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाकर देश के सामने मिसाल पेश किया है। अगस्त की शुरुआत में जहां जिला 59 प्रतिशत पॉजिटिविटी की खतरनाक दर से ग्रस्त था, वहीं अब कोरोना समाप्त होने की कगार पर आ गया।
भारत में Covid-19 महामारी की दस्तक के बाद लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही गंजाम जिले में धारा-144 लागू कर दी गई थी। प्रदेश में यह पहला जिला था, जहां मास्क नहीं पहनने पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 1 मई तक कोरोना का एक भी केस नहीं मिला। लेकिन इसके बाद 4 लाख 31 हजार प्रवासी मजदूरों के बाहर के शहरों से लौटने के बाद केस बढ़ने लगे।
2 मई को पहला केस मिला, जिसके बाद जुलाई के अंतिम सप्ताह तक संख्या बढ़कर 700 हो गई। दूसरी लहर तब आई, जब क्वारंटीन पीरियड खत्म कर मजदूर घर-समाज में मिलने लगे। अगस्त की शुरुआत में यहां 59 फीसदी पॉजिटिविटी दर थी। लेकिन सितंबर खत्म होते-होते यहां महज 200 ऐक्टिव केस रह गए। पॉजिटिविटी की रेट 60 फीसदी से गिरकर 1.27 फीसदी ही रह गई।
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर विजय अमृता कुलांगे ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के साथ हुई बातचीत में बताया, ‘कोविड मैनेजमेंट के विकेंद्रीकरण का फैसला काफी कारगर रहा। सरपंच को शक्तियां दी गईं। इसके साथ ही हर गांव में कोविड मैनेजमेंट कमिटि का गठन किया गया, जिसका काम वॉर्ड स्तर पर निरीक्षण करने का था। घर-घर जाकर स्क्रीनिंग के 6 चरण पूरे किए गए।’
गंजाम में एक हजार से अधिक वॉलंटियर्स की सेना तैयार की गई। यहां लॉकडाउन से पहले ही प्रशासन ने कोविड हॉस्पिटल तैयार कर दिया था। इसके साथ ही ऑक्सिजन सपॉर्ट के साथ करीब 128 पंचायत ऐम्बुलेंस तैनात की गईं। लोगों में जागरूक करने के काम में कोविड बंधु और कोविड सखी को लगाया गया।