कोरबा। कोरोना संक्रमण से मौत होने के 48 घंटे बाद भी प्रशासनिक लापरवाही की वजह से शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। शव दो दिन से अपोलो अस्पताल बिलासपुर के मर्चुरी में पड़ा है। मृतक के परिजन दो दिन से कोरबा व बिलासपुर के बीच चक्कर काट रहे। मौत की वजह से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा और उस पर रही सही कसर अधिकारियों की लापरवाही ने पूरी कर दी है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के गेवरा प्रोजेक्ट में फोरमैन के पद पर कार्यरत 59 साल कर्मी का स्वास्थ्य खराब होने पर परिजनों ने उपचार के लिए नेहरू शताब्दी अस्पताल गेवरा में भर्ती कराया। सेहत में सुधार नहीं होने पर उसे अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मंगलवार की रात को एसईसीएल कर्मी का निधन हो गया। अपोलो प्रबंधन ने बिलासपुर जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी। परिजन शव अंतिम संस्कार दीपका ले जाना चाहते हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि कोविड-19 के नियमों के तहत सावधानी बरतते हुए शव को सुरक्षित दीपका पहुंचाए। बुधवार को यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी। परिजन पूरे दिन अस्पताल व प्रशासनिक दफ्तर का चक्कर काटते रहे, लेकिन एक भी प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल नहीं पहुंचे। परिजन वापस दीपका लौट आए। गुरुवार को फिर मृतक के भाई, बेटी व अन्य परिजनों ने किसी तरह बिलासपुर पहुंचे और शव को कोरबा ले जाने की जद्दोजहद की। बिलासपुर के तहसीलदार 4.30 बजे पहुंचे, तब कहीं जाकर बिलासपुर सीएमएचओ ने कोरबा सीएमएचओ को वैधानिक ढंग से इसकी सूचना प्रेषित की। प्रक्रिया पूर्ण होते रात हो गई। इसके बाद कोरबा से शव वाहन बिलासपुर भेजा जाना था, लेकिन समय पर वाहन नहीं पहुंचा। बताया जा रहा कि वाहन उपलब्ध नहीं होने की वजह से दूसरे दिन भी शव मर्चुरी में रखना पड़ा। अब अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को सुबह वाहन अपोलो के लिए कोरबा से रवाना होगी।
शोकमग्न परिवार का दुख हुआ दोहरा
सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की इलाज की व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रही। अब आलम यह हो गया कि मौत के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए भी परिजनों को भटकना पड़ रहा। 48 घंटे बाद भी एसईसीएल कर्मी के अंतिम संस्कार नहीं होने की वजह से परिजनों का दुख दोहरा हो गया है। शोकमग्न परिवार को अब शुक्रवार का इंतजार है।
खदान कर्मी निकला कोरोना संक्रमित
ढेलवाडीह निवासी बगदेवा खदान में कार्यरत एक कर्मी व एक महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। दोनों को उपचार के लिए कोविड हॉस्पिटल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि खदान कर्मी बुधवार को ड्यूटी किया, इसके बाद वह बाजार भी गया। पांच दिन पहले सुतर्रा में उसने सैंपल दिया था और गुरुवार को रिपोर्ट आई। ड्यूटी किए जाने पर अब अन्य खदान कर्मियों का भी सैंपल लेकर जांच कराना पड़ेगा। वहीं परिवार के सदस्यों का सैंपल मेडिकल टीम ने ली है। उधर संक्रमित महिला बगदेवा खदान में कार्यरत एसईसीएल कर्मी की बहू है। जो कुछ दिन पहले बाहर घूमने गए थे, तब वहां सैंपल लिया गया था। रिपोर्ट गुरुवार को सामने आने पर परिवार के अन्य सदस्यों का सैंपल भी लिया गया।