कोरबा।हसदेव थर्मल पॉवर प्लांट से उत्सर्जित राख के सम्पादन के लिए चार साइलो बनाया गया है। इन साइलो से निकलने वाली राख को डारेक्ट लोडिंग कर फ्लाई एश व शासकीय कार्यो में उपयोग के लिए भेजा जाता है। चार साइलो में से वर्तमान में एक साइलो का परिचालन होने से राख डंपिंग के लिए लगी गाड़ियों की लंबी कतार लग रही है।
पॉवर प्लांटों से नीकलने वाली राख का सही यूटीलाजेशन बहुत बड़ी समस्या बन गई है। प्लाट से निकलने वाले राख से कई तरह का उपयोग किया जाने लगा है । जिससे राख की समस्या से निजात मिल सके, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से राख की समस्या घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। कुछ ऐसा ही नजारा एचटीपीपी पॉवर प्लांट का है जंहा उत्सर्जित राख की लोडिंग के लिए चार साइलो लगाए गए है लेकिन परिचालन सिर्फ एकका हो रहा है। एक साइलो से कम मात्रा में राख निकलने के कारण प्लांट से उत्सर्जित राख को राखड़ डेम में छोड़ा जा रहा है। जबकि राखड़ डेम पूरी तरह लबालब हो चुका है। वही एक साइलो के परिचालन से राख डंपिंग परिवहन के लिए लगी गाड़ियों को क्षमता के अनुरूप काम नही मिल पा रहा है। वही साइलो परिचालन के लिए ठेकेदार पीओ आर्डर के अनुसार और कर्मचारी एंगेज नहीं कर रहा है जिसके कारण मात्र एक साइलो से काम हो रहा है। यही वजह है कि गाड़ियों का जाम लग जाता है पूछने पर अधिकारियों गोलमोल जवाब देते हैं कुल मिलाकर अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ के कारण विद्युत मंडल के नुकसान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है ।यही नहीं इस विषय में कई बार अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है ।परंतु अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती और ठेकेदार पर कार्रवाई करने से वह बचते हैं जहां एक और कई साइलो बने हुए हैं मात्र 1 सालों का परिचालन पिछले कई सालों से हो रहा है जिसकी जांच आवश्यक है वर्तमान के ठेकेदारों के ऊपर ऐसा क्या है जो उसे अधिकारी इतनी बड़ी तादाद में उपकृत करने पर लगे हुए हैं।