छत्तीसगढ़ में लेटर पर सियासत: भूपेश बोले- कोई घोटाला नहीं हुआ, कुछ कांग्रेसी स्लीपर सेल की तरह कर रहे हैं काम

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न्यूज डेस्क।छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को लेकर जब से ‘लेटर बम’ फूटा है, तब से इस मामले में जमकर सियासत हो रही है। पक्ष और विपक्ष जमकर राजनीति कर रहा है। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी तरह का कोई गबन या घोटाला नहीं हुआ है। पार्टी की अंदरूनी और वैधानिक अनुबंध पर इस तरह की शिकायत करना और फिर उसे मीडिया में प्रचारित प्रसारित करना पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है। कांग्रेस के कुछ लोग पार्टी के भीतर रहकर बीजेपी के स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। इसीलिए भाजपा इस अंदरूनी मामले को खूब तूल दे रही है।

 

उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट और अध्यक्ष दीपक बैज से इस संबंध में बात की है। उनसे अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वहीं घोटाले पर कहा कि कोई गबन नहीं हुआ है, जो भुगतान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से किया गया वह एक वैधानिक अनुबंध के तहत किया गया है। प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व पदाधिकारी ने जो भी शिकायत की है, वह बीजेपी स्लीपर सेल का दुष्प्रचार है।

उन्होंने कहा है कि कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने इस अनुबंध से पहले मुझसे विस्तृत चर्चा की थी और मेरी जानकारी के अनुसार इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष से बाकायदा स्वीकृति भी ली गई थी। बघेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए यह अनुबंध हुआ था।

 

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर राजनीतिक दल अपने प्रचार प्रसार के लिए किसी न किसी प्रोफ़ेशनल कंपनी के जरिए काम करती है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने भी सोशल मीडिया प्रबंधन और अन्य कार्यों के लिए टेसू मीडिया लैब से अनुबंध किया तो यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। बघेल ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही हर महीने भुगतान होता रहा इसलिए यह कहना बेबुनियाद है कि उनको अंधेरे में रखकर कुछ किया गया, जो भी भुगतान हुआ है वह वैधानिक है और इसके लिए टीडीएस काटने और जीएसटी भुगतान जैसी सारी वैधानिक औपचारिकताएं भी पूरी की गई हैं। इस पूरे लेन-देन में किसी तरह की गड़बड़ी होने के कोई आसार ही नहीं हैं।