file foto

कोरबा । नगर निगम के नए परिवहन नगर एक बार चर्चा में है। साल भर पहले हुए भूमिपूजन के बाद एक इट भी नहीं रखा जा सका है। अब निगम अमला लेंड यूज परिवर्तन का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे है। वही जानकारों की माने तो बरबसपुर में बनने वाले नया बस स्टैंड को लेकर  जमींन दलालों का सुनियोजित तरीका बता रहे है।
बरबसपुर की लैंड रिकार्ड वैसे तो मसाहती ग्राम का है लेकिन शहर के कुछ भू माफिया राजस्व के अधिकारियो से सांठगांठकर अंदर की जमींन को सड़क ले आये है। यह बात सुनने में जरूर अजीब लगती है लेकिन सच्चाई भी यही है।दूसरी तरफ बढ़ते शहर के विकास को गति देने नए परिवहन नगर के लिए जमींन की तलाश शुरू की गई और बरबसपुर के डम्पिंग यार्ड जो पहले से निगम की है उसे चिन्हित कर चुनाव का फायदा उठाते हुए भूमिपूजन कर दिया गया। इससे पूर्ववर्ती निगम सर्कार को दो तरह का लाभ हुआ। पहला तो चुनाव में और दूसरा जमींन दलालो को जो किसी न किसी तरह बिना राजनितिक वरदहस्त रहता है। खैर इस सोची समझी रणनीति से फायदा किसी का हो लेकिन निगम की जनता का नुकसान तो तय है।
जानकारी के अनुसार नया परिवहन नगर बरबसपुर में बनाया जाना है। उक्त ग्राम बरबसपुर मसाहती ग्राम है जिसके नक्शा और खसरा का अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है अर्थात वह ग्राम अनसर्वेड विलेज है, जिसका नक्शा और खसरा का अंतिम अनुमोदन नही हुआ है। नगर निगम कोरबा के मास्टर प्लान में उक्त क्षेत्र परिवहन और व्यवसायिक प्रयोजन के लिए आरक्षित या योजना में शामिल नहीं किया गया है। मास्टर प्लान में परिवहन नगर एवं व्यवसाय क्षेत्र नहीं होने के बाद भी नगर निगम द्वारा परिवहन परिवहन नगर बनाने का स्टीमेट तैयार कर शासन द्वारा राशि स्वीकृत की गई जो कि पूर्णतया नियम विरुद्ध है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब उक्त स्थल योजना में परिवहन नगर के रूप में चिन्हित ही नहीं है तो अग्रिम तौर से स्टीमेट बनाकर राशि क्यों आवंटित की गई ।