कोरबाे। एस डी एम सुनील नायक ने दुर्गा पूजा समितियों की बैठक में कोरोना महामारी के दौर में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुये नवरात्रि पर्व के लिये जारी शासकीय दिशा-निर्देशों के बारे में पूजा समितियों के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी।
एसडीएम ने बैठक में जानकारी दी की पंडाल एवं सामने तीन हजार वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिये। एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी कम से कम 250 मीटर होना जरूरी है। पंडाल के सामने दर्शको के बैठने के लिये अलग से पंडाल नहीं होगी। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिये कुर्सी लगाने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी।
श्री नायक ने पूजा समितियों के सदस्यों को बताया कि नवरात्र पर्व को मनाने के लिये जारी प्रोटोकाॅल के अनुसार मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना जरूरी होगा। दर्शन के लिये आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज रजिस्टर में करना होगा। नाम दर्ज होने से दर्शन के लिये आने वाले लोगों में कोई भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति के कोरोना संकमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें। घर के अंदर मूर्ति स्थापित किये जाने की स्थिति में तथा अन्य परिवार के व्यक्तियों के मूर्ति दर्शन के लिये नहीं आने की स्थिति में सीसीटीवी लगाना जरूरी नहीं होगा।
एसडीएम ने बताया कि नवरात्र पर्व के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करना होगा। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सैनेटाइजर, थर्मल स्कीनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करना होगा। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नही देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।