0 25 जून से लापता युवती का 23 जुलाई को जंगल मे मिला था कंकाल !
0 परिजन के साथ दर्जनों ग्रामीण एवं भीम रेजिमेंट संगठन पहुँचा कटघोरा थाना !
कोरबा- मामला पाली विकासखंड के चैतमा चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चुहियाडांड रजकम्मा निवासी बोधराम कुर्रे की बेटी प्रिया कुर्रे की संदिग्ध मौत का है।प्रिया 25 जून 2020 को अपने गांव घर देर रात तक नहीं पहुंची तो बेटी के पिता व परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी।उसकी गुमशुदगी की सूचना चैतमा चौकी में दी गई।23 जुलाई को कटघोरा थाना के जटगा चौकी क्षेत्र अंतर्गत वनांचल ग्राम जामपानी रावा के जंगल में मानव कंकाल व मौके पर सलवार सूट बरामद किया गया।पुलिस ने जिसकी शिनाख्त के लिए ग्रामीण क्षेत्रों व थाना चौकी में सूचना दी थी।जानकारी मिलते ही प्रिया के पिता व परिजनों ने मौका स्थल पहुंचकर कपड़े व अन्य साक्ष्य के आधार पर प्रिया के रूप में पहचान किया था।लेकिन मामले में अभी तक कटघोरा थाने में एफआईआर दर्ज नहीं किया गया।प्रिया के पिता व परिजनों द्वारा लगातार कटघोरा थाना प्रभारी से अपनी पुत्री का हत्या किए जाने की बात कह गांव के कुछ संदिग्धों का नाम भी उजागर करते हुए हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्याय की गुहार भी लगाई गई लेकिन थाना प्रभारी द्वारा जांच कार्यवाही पूरा नहीं हुआ है, अभी कुछ नहीं कह सकते, यह बोलते हुए मामले पर गंभीरता नही दिखाया जा रहा था।पिता बोधराम कुर्रे व परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से भी न्याय की गुहार लगाई किंतु वहाँ से भी उपेक्षा मिली।आखिरकार मृतिका के परिजनों ने कोरबा जिला इकाई के भीम रेजिमेंट संगठन से मदद मांगी।जहां भीम रेजिमेंट संगठन के जिला अध्यक्ष अनिल टंडन ने पूर्व में कटघोरा थाना पहुंचकर प्रभारी से चर्चा किया जिसमें यह पता चला कि थानेदार के द्वारा कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है।तथा पीड़िता के पिता बोधराम कुर्रे व परिजनों को हमेशा यह कह कर वापस भेज दिया जाता कि हमारे पास कुछ ठोस सबूत नहीं है, हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं उसके बाद फिर आरोपी को गिरफ्तार करेंगे।पुलिस द्वारा मामले में गंभीरता नही दिखाए जाने पर भीम रेजिमेंट संगठन ने आंदोलन की बात कही थी तब थाना प्रभारी ने एक सप्ताह का समय मांगा था।जहां एक सप्ताह गुजर जाने पश्चात भी प्रिया की मौत मामले में किसी प्रकार से कार्यवाही का सुगबुगाहट होता ना देख मृतिका के परिजनों के साथ लगभग 6 दर्जन महिला- पुरुष ग्रामीण एवं भीम रेजिमेंट संगठन बीते 11 सितंबर को उग्र होकर पुनः कटघोरा थाना पहुँचा और थाना प्रभारी के अलावा एसडीओपी पंकज पटेल से मिलकर कार्यवाही नही किये जाने पर आंदोलन की बात कही तब पुलिस की ओर से एक सप्ताह में एफआईआर का दूसरी बार मिले आश्वासन के बाद सभी शांत हुए।इस संबंध पर भीम रेजिमेंट संगठन के पदाधिकारियों द्वारा कहा गया है कि यदि अब उक्त मामले में कार्यवाही को लेकर पुलिस द्वारा गुमराह किया जाता है तो संगठन द्वारा राज्य के सभी जिले व ब्लाकों में उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य रहेगी।जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस प्रशासन की होगी।