कोरबा। जिले के इंफ्रास्टक्चर के खाखा तैयार हुआ फिर निर्माण एजेंसियों को काम शुरू कराने 40 फीसदी राशि भी दी गई। जिससे निर्माण कार्यो को शुरू कराया जा सके। पेमेंट रिलीज होते ही काम पूर्ण कराने  का दवाब बनाने लगे अब पूर्ण होने के बाद खनिज न्यास शाखा के अधिकारी शेष रकम देने आनाकानी किया जा रहा है।
डीएमएफ के अंतर्गत जिले में चल रहे विभिन्न कार्यो की अंतिम किश्त की राशि के लिए निर्माण एजेंसी चक्कर काटने मजबूर है। काम पूरा होने के बाद बकाया राशि डिमांड के लिए कई बार निर्माण एजेंसी पत्र दे चुके है उसके बाद भी अंतिम किश्त का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यंहा यह बताना लाजमी है कि कोरोना काल ने ठेकेदारों की कमर तोड़ कर रख दी है और ऊपर से राशि के आभाव में काम पूर्ण होने के बाद भी भुगतान न होना ठेकेदारों को दोहरा मार झेलना पड़ रहा है। एक जानकारी के मुताबिक जिले के पांचो जनपद पंचायतो का लगभग 4 करोड़ का बकाया है जिसके लिए कई बार आवेदन , निवेदन किया जा चुका है। यही हाल जिले के अन्य निर्माण एजेंसियों का है जिनका लगभग 6 करोड़ खनिज न्यास का बकाया है। निर्माण कार्य पूर्ण करने बाद ठेकेदारों के कर्जदार बन गए है। खनिज न्यास शाखा के अधिकारियो के रैवय्ये से परेशान निर्माण एजेंसी के अधिकारी अब काम लेने से तौबा करने लगे है। यही वजह है कि वर्तमान सरकार में ज्यादातर डीएमएफ की राशि को सामग्री खरीदी में लगा रहे है। खरीदी भी ऐसे भी ऐसे सामग्री की हो रही है जिसमे जायदा गड़बड़ी की सके। बहरहाल खनिज न्यास शाखा के अधिकारियो की उदासीनता से ठेकेदारों का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है।
चर्चा यह भी …
खनिज न्यास शाखा के एक कर्मचारी की चर्चा सुर्खियों पर है। कहा यह जाता है प्रोजेक्ट बनाकर लाओ और निर्धारित चढ़ावा चढ़ाओ और मनमाना काम ले जाओ। इस उड़ती खबर की सच्चाई कितनी है यह तो अलग बात है लेकिन कर्मचारी का चर्चा में होना मतलब साफ है दाल में कुछ काला तो जरूर है।