बिलासपुर/चिरमिरी। कोयला संकट से निपटने अत्याधिक गहराई और हादसे की वजह से बंद कोयला खदानों को शुरू किया जाएगा। जिन खदानों को दोबारा शुरू किए जाने का फैसला लिया गया है उनमें से 2 खदानें छत्तीसगढ़ के चिरिमिरी कोयला प्रक्षेत्र की हैं, जबकि 2 भटगांव प्रक्षेत्र की है।
देश में कोयले की कमी और बिजली संकट को देखते हुए कोल इंडिया ने देश के 8 राज्यों में 6 से 12 साल पहले बंद की गई 293 में से 20 खदानों को फिर शुरू करने का फैसला किया है। ये खदानें सुरक्षा तथा व्यावसायिक कारणों से बंद की गई थीं। दोबारा शुरू होने वाली खदानों में छत्तीसगढ़ की 4 हैं, जिनका साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (एसईसीएल) ने टेंडर जारी कर दिया है। बता दें कि देश में कोयला उत्पादन का 83 फीसदी कोयला कोल इंडिया की खदानों से ही निकाला जाता है।
चिरमिरी कोयला प्रक्षेत्र की बरतुंगा, अंजन हिल, कल्याणी और बीरसिंहपुर खदानों से 31.44 मिलियन टन कोयला, इससे देश के लिए 15 दिन की बिजली बन सकती है। बंद पड़ी चार खदानों के लिए टेंडर किया गया है, इसमें से चिरमिरी क्षेत्र के बरतुंगा हिल में 19.62 और अंजन हिल में 6.43 मिलियन टन कोयला निकलने की उम्मीद है। भटगांव के कल्याणी माइंस में 1.9 और जोहिला के बीरसिंहपुर माइंस में 3.46 मिलियन टन कोयला निकलने की उम्मीद है।