बेगानी शादी में,निगम के अमिताभ बच्चन, हम…काश! ये पहले कर लिए होते,’चरण’ पर ‘चिंतन’ भारी…

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बेगानी शादी में…

एशिया की सबसे बड़ी कोल खान में कोयला चोरी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल क्या हुआ लोग बेगानी शादी में … दीवाना की तरह झूमने लगे। वायरल वीडियो के समर्थन में एक से बढ़कर एक बोल बच्चन बयान देकर खुद कटघरे में खड़ा हो गए। आखिर जरूत क्यों पड़ी बयानबाजी की, जिसका माल लुट रहा उसे तो दर्द हुआ नहीं लेकिन, देखने वाले कराह रहे है ये समझ से परे है।

हालांकि खान के सुरक्षा में लगी टीम ने एक के बाद एक कोयला चोरी रोकने पुलिस विभाग को लेटर भेजने का दावा करते हुए गेंद पुलिस के पाले में फेंक दिया। अब एक बेचारा फंस गया यारा की गाना गुनगुनाते हुए पुलिस भी गेंद को हेलीकॉप्टर शॉट मारते हुए कोयला खदान की सुरक्षा एजेंसियो पर वापस दें मारा। मतलब साफ है हाइड एंड सिक की गेम में सबसे ज्यादा सेफ तस्कर हो गए और एसईसीएल सुरक्षा एजेंसी के साथ पुलिस की ठन गई।

निगम के अमिताभ बच्चन, हम जहां भी जाते है अपना टीम बनाते हैं…

अमिताभ बच्चन की सुपरहिट मूवी दीवार का वो डायलॉग हम जहां भी खड़ा हो जाते हैं वहीं से लाइन शुरू होती है को तो आपने बहुतों बार सुना होगा, पर नगर निगम के बिग बी यानि बिग बास का ये डायलॉग जहां भी जाते हैं अपनी टीम बनाते हैं, वायरल हो रहा है!

आजकल तो ये ट्रेंड चल गया है जहां से नई जगह पोस्टिंग में उच्च अधिकारी आते हैं वहां से कुछ अपने चम्मच नुमा अधिकारी को भी साथ लाते हैं। साथ लाने के दो फायदे होते है एक तो गोपनीय ढंग से उल्टे सीधे काम कर कम दिन में अच्छी नौकरी और दूसरा सुरक्षित कलेक्शन!

निगम तो वैसे भी अपने फिजूल कामों की वजह से चर्चा में रहता है। सो अब और जब से नए साहब जो आये हैं तब से दो और अधिकारी साथ लेकर आये हैं। ये अधिकारी निगम पुराने बुकी यानी सेटिंगबाजों को किनारे लगाकर नए टीम के साथ नई पारी खेल रहे हैं।

काश! ये पहले कर लिए होते तो न फजीहत होती...

दर्री अनुविभाग की एक अधिकारी की एकाएक सक्रियता ने लोगों को चौका दिया है। दरसअल अनुविभागीय अधिकारी की लगातार कोयला खान के निरीक्षण को पब्लिक कहने लगी है , काश! ये पहले कर लिए होते तो न विभाग की फजीहत होती और न ही किसी को रोज.रोज सबूत देने की जरूरत।

कोयला खान से चोरी का वीडियो वायरल होने से पहले अगर वो विभागीय कार्यों में मुस्तैदी दिखती तो शायद विभाग की फजीहत न होती। विभाग की फजीहत कराने के बाद अब वो कहावत को लोग याद कर रहे हैं कि अब पछताए होत क्या चिड़िया चूग गई खेत…।

पुलिस की सक्रियता में हुई चूक अब विभाग के लिए गले की फांस बन गई है। हालांकि मामला को उलझाने औऱ जांच को प्रभावित करने की मंशा कुछ हद तक सफल रहा है ,पर उससे क्या लोग तो विभाग की सक्रियता सजगता से वाकिफ तो है ही!

चरण’ पर ‘चिंतन’ भारी…

पीसीसी चीफ दिल्ली गए थे जहां उन्होंने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मुलाकात भी की और छत्तीसगढ़ कांग्रेस का हाल भी बताया। मरकाम कोरा बी.फार्म लेकर दिल्ली से लौटे गए। इसका मतलब ये है कि सब कुछ पहले से तय था, केवल घोषणा होनी बाकी थी। इसके लिए राजधानी रायपुर में राज्यसभा उम्मीदवार के चयन के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली थी।

राजधानी में कांग्रेस हलको में जो नाम सामने आये थे उनमें वो नाम शामिल थे जिन्होंने बाद में दावेदारी की, इनमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का नाम शामिल नहीं था जो लोगों को परेशान कर रहा है। महंत ने ही सबसे पहले राज्यसभा में जाने की बात कही थी। ऐसा क्या हुआ की महंत अपनी उम्मीदवारी को लेकर चुप हो गए।

खबरीलाल की माने तो डॉ चरणदास महंत पर कांग्रेस का उदयपुर चिंतन शिविर भारी पड़ गया। एक परिवार एक टिकट तो ठीक था एक परिवार उप दोनों केंद्र में ये फार्म्यूला उनके सपनों भारी पड़ गया, वैसे भी ज्योत्सना भाभी अभी कोरबा से कांग्रेस की सांसद हैं और अब महंत भी दिल्ली की राजनीति करेंगे ये बात प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को पच नहीं पाई।

 

        ✍️   अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा