रायपुर।सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के कुछ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है तथा याचिकाकर्ता, सरकारी अधिकारी अशोक चतुर्वेदी को राहत प्रदान की है।
सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ और जज हिमा कोहली की दो सदस्यीय कमेटी ने याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने चतुर्वेदी से कहा कि आपके पास पहले हाईकोर्ट जाने का विकल्प है तो फिर आप सुप्रीम कोर्ट क्यों आए? ऐसे छोटे-छोटे मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी तो केस बहुत सारे हो जाएंगे। इस पर अशोक चतुर्वेदी ने कहा कि मैं हाईकोर्ट 18 बार गया जहां से मुझे राहत भी मिली लेकिन उसका कोई असर या उस पर कोई कार्यवाही छत्तीसगढ़ सरकार ने नहीं की। नतीजा मुझे आज भी डराया धमकाया जाता है। मेरे निवास पर पुलिस भेजी जाती है, उससे पूछताछ की जाती है, इससे परिवार में भय और डर का माहौल है। बार-बार इस तरह की कार्यवाही से मैं प्रताड़ित होता हूं इसलिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह है कि एक नोटिस जारी कर सरकार के शीर्षस्थ अधिकारियों को निर्देशित करें कि मेरे साथ हो रही इस तरह की प्रताड़ना पर रोक लगाएं। इसके बाद दोनों जजों ने सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इनमें कुछ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी अधिकारी भी शामिल है।
इनमें आईएएस सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक, रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी तथा सीएम के उप सचिव शामिल हैं। पीठ ने 10 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। जानते चले कि अशोक चतुर्वेदी ने इस पूरी प्रताड़ना से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट में धारा 482 के तहत एक याचिका दायर की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है।
श्री चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि वर्तमान सरकार के कुछ अधिकारी मुझे भाजपा समर्थित अधिकारी मानते हुए उसी तरह ट्वीट करते हैं जबकि एक सरकारी अधिकारी हूं और इसलिए मुझे प्रताड़ित भी किया जा रहा है. अशोक चतुर्वेदी फिलहाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर है और उनके खिलाफ जांच भी चल रही है। चतुर्वेदी के खिलाफ 2022 में पुलिस ने एक एफ आई आर क्रमांक 133/2022 दर्ज की थी।
श्री चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि वर्तमान सरकार के कुछ अधिकारी मुझे भाजपा समर्थित अधिकारी मानते हुए उसी तरह ट्वीट करते हैं जबकि एक सरकारी अधिकारी हूं और इसलिए मुझे प्रताड़ित भी किया जा रहा है। चतुर्वेदी फिलहाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर है और उनके खिलाफ जांच भी चल रही है। चतुर्वेदी के खिलाफ 2022 में पुलिस ने एक एफ आई आर क्रमांक 133/2022 दर्ज की थी.