बिलासपुर।(THE duniyadari ) हाईप्रोफाइल उप चुनाव कहे जाने छत्तीसगढ़ के मरवाही सीट के लिए राजनितिक पैतरा पुरे शबाब पर है। 15 वर्ष के बाद सत्ता सुख भोग रहे कांग्रेस पार्टी चुनाव जितने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। प्रत्याशी चयन को लेकर फूंक फूंक कर पांव रखने वाले कांग्रेस इस बार भी भाजपा से पीछे है। पूर्व सीएम अजीत योगी के निधन के बाद यह सीट खाली हुआ था। मरवाही सीट के लिए कई दावेदार बताए जा रहे थे। बीजेपी ने डॉ गंभीर सिंह को पर मरवाही उपचुनाव में दांव लगाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मंजूरी के बाद बीजेपी ने उपचुनाव वाले सीटों के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। मरवाही सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से जोगी परिवार के ही कब्जे में है। अजीत जोगी के निधन के बाद उनके बेटे अमित जोगी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीं, अमित जोगी ने दावा किया है कि हम इस सीट पर फिर से जीत हासिल करेंगे। मरवाही में 3 नंवबर को वोटिंग है। 10 नवंबर को नतीजे आएंगे। 9 अक्टूबर से इस सीट पर नामांकन शुरू हो जाएगा। 16 अक्टूबर को नामांकन करने की आखिरी तारीख है। 17 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। बीजेपी प्रदेश कार्य समिति की बैठक में करीब 10 लोगों के नाम पर चर्चा हुई थी।
मरवाही सीट का चुनावी इतिहास
आदिवासी नेता भंवर सिंह पोर्ते ने 1972 ,1977 और 1980 के चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई। 1985 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। कांग्रेस के दीनदयाल विधायक बने। भंवर सिंह बीजेपी में चले गए। 1990 में विधायक बने। 1993 में बीजेपी ने टिकट काट दिया और कांग्रेस के पहलवान सिंह विधायक बने। 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए तत्कालीन भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने इस्तीफा देकर मरवाही की सीट खाली किया। जोगी रिकॉर्ड मतों से जीते। 2003 के चुनाव में जोगी को 76269 वोट मिले थे और बीजेपी के नंदकुमार साय को 22119 को वोट। 2008 में जोगी को 67523 वोट व बीजेपी के ध्यान सिंह पोर्ते को 25431 मत मिले। 2013 में अमित जोगी ने बीजेपी की समीरा पैकरा को 46 हजार वोटों से हराया। 2018 में जोगी को 74041 वोट मिले और बीजेपी की अर्चना पोर्ते 27579 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस के गुलाब सिंह राज को 149170 में से 20040 वोट मिले। वे जमानत नहीं बचा पाए।