0मजूदरों का लगभग दो करोड़ भुगतान लंबित
कोरबा। कोरोना काल मे संजिवनी का काम करने वाले रोजगार गारंटी योजना में काम की गारंटी तो है पर भुगतान की नहीं। सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले गौठान निर्माण से लेकर चबूतरा निर्माण कराने वाले सरपंच भुगतान के लिए दफ्तर के चक्कर काटने मजबूर है।
धान कटाई के पहले जिले से लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य पलायन करने मजबूर है। ग्रामीण क्षेत्रो में पलायन करने वालो की प्रमाणित आंकड़ा तो पंचायतों के पास नहीं है ,पर पलायन जोरों पर है। रोजगार गारंटी योजना में रोजगार की गारंटी तो है पर भुगतान की नही।
प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान निर्माण मनरेगा के तहत कराया जा रहा है ।जिले के कई पंचायतों में महीनों पहले गौठान का निर्माण सरपंच अपने जुगाड़ में तो करा लिए है लेकिन चार महीना बीतने के बाद भी भुगतान का पता नही है। जब भी जनप्रतिनिधि राशि भुगतान की बात मुख्यालय में करते है तो वही रटा रटाया जवाब केंद्र से राशि डिमांड की गई है मिलने के बाद भुगतान कराया जाएगा। कुल मिलाकर अपना पैसा फंसाकर काम कराने वाले जनप्रतिनिधि अपने को ठगा महसूस करने लगे है।
नए पंचायत भवन के लिए नहीं मिला राशि
जिले में 23 नए पंचायत भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। भवन निर्माण के लिए अब तक एक रुपये का भी भुगतान नही कराया गया है। मीटिंग में जा प्रतिनिधि जब पैसे की बात करते है तो 14 वित्त आयोग और मूलभूत की राशि खर्च करने की सलाह देते है जबकि पहले ही मूलभूत व 14 वित्त की राशि को कोरेन्टीन सेंटर में खर्च किया जा चुका है। बहरहाल उच्च अधिकारियों की आदेश का पालन दर्द सहकार भी किया जा रहा है।