इलाहाबाद– ऐसा लगता है कि ‘कलयुग’ आ गया है। यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की। 75 से 80 साल की उम्र में गुजारा भत्ता के लिए मुकदमेबाजी में उलझे बुजुर्ग दंपती के मामले में मंगलवार को कड़ी टिप्पणी करने के साथ ही हाईकोर्ट ने बुजुर्ग दंपती को सलाह भी दी।
कोर्ट अपनी पत्नी के पक्ष में पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ पति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अलीगढ़ के मुनेश कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि यह कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है।
उन्होंने जोड़े को सलाह देने की भी कोशिश की। बता दें कि मुनेश कुमार गुप्ता की पत्नी ने उनसे गुजारा भत्ता की मांग की थी। पारिवारिक अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। मुनेश ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
पत्नी को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सुनवाई की अगली तारीख तक वे किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे और इसके साथ ही आएंगे। बुजुर्ग मुनेश कुमार गुप्ता ने यह याचिका सीआरपीसी की धारा 125 के तहत फैमिली कोर्ट के आदेश की वैधता की चुनौती में दाखिल की है।