कोरबा। कोविड हॉस्पिटल में वेंटिलेटर तो है लेकिन ट्रीटमेन्ट करने वाले एक्सपर्ट डाक्टरों नहीं है। भले ही कोविड में अस्पताल में वेंटिलेटर में बढ़त की जा रही लेकिन तकनीकी एक्सपर्ट न होने से कोरोना मरीजों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है। इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में निजी अस्पताल के डाक्टरों का सहयोग लिया जा सकता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर आपसी तालमेल नहीं होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। पर्याप्त स्टाप नर्स के अभाव में प्रशिक्षु एएनएम के भरोसे इलाज जा रही है।
बुधवार को 162 नये मरीज मिले हैं। कोविड अस्पताल में गंभीर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। अब तक जिले में 36 लोगों की मौत हो चुकी है। आपात स्थिति को देखते हुए अब वेंटिलेटर की संख्या 11 से बढ़ाकर 20 की जा रही है। वर्तमान में कोविड में 76 मरीज दाखिल हैं, जिनमें 7 वेंटिलेटर और 6 आक्सीजन पर हैं।
प्रशिक्षु एएनएम के भरोसे चल रहा इलाज
भले ही कोविड में अस्पताल में वेंटिलेटर में बढ़त की जा रही लेकिन तकनीकी एक्सपर्ट की कमी बरकरार है। इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में निजी अस्पताल के डाक्टरों का सहयोग लिया जा सकता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर आपसी तालमेल नहीं होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है स्टाफ नर्स के अभाव में प्रशिक्षु एएनएम के भरोसे इलाज जा रही है।