कोरबा। श्लोक ध्वनि फाउंडेशन के तत्वाधान में कविता से मिलिए 2.0 कोरबा का कार्यक्रम गीतांजलि ऑडिटोरियम मैं आयोजित हुआ। जिसमें अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति एवं कवि आचार्य श्री एडीएन वाजपेई का एकल कविता पाठ रखा गया था।फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य सुमित शर्मा ने अपनी संस्था के उद्देश्यों एवं साहित्य और संस्कृति के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए…. वाजपेई जी ने अपने मुक्ताकों गीत गजलों छंदों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने प्रेम,दर्शन,जीवन के फलसफे, रिश्तो और भारतीय वांग्मय को रचना का केंद्र बिंदु बनाकर काव्य पाठ किया।
कवि ने कवितापाठ का शुभारंभ सरस्वती वंदना और कवि की परिभाषा से की। इसके बाद अपने अनूठे अंदाज एवं कुछ मनमोहक मुक्तकों से दर्शकों से जुड़े। इस दौरान उन्होंने ये माना कि जल्दी बहकते नहीं हैं, बहक जाएं तो फिर संभलते नहीं हैं जैसी कविताओं की प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने गीत पढ़े, जिसमें देशभक्ति दर्शन और कई भावों का समावेश था।
ग़ज़ल
किसी के इशारे पर चलते नहीं है
औरों की खुशी में जलते नहीं है
जमाने की चालों से वाकिफ मगर
हम अपने इरादे बदलते नहीं हैं।।
करते तभी हैं बरसना जभी है,
बिना कोई कारण गरजते नहीं है।।
अश्क आंखों से बहे बहे न बहे
हर्फ़ होंठो से कहे कहे न कहे
जब जुदाई अरुण तेरी मौत मेरी
आतिशे मौत दहे दहे न दहे
गीत
इतना ज्यादा बरस न बादल मेरा आंगन छोटा है..
हम देखेंगे…
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बोधराम कंवर जी पूर्व विधायक ने इस पहल की तारीफ की वाजपेयी जी की रचनाओं को सुनकर ऊर्जा नगरी में ऊर्जा का संचार हो गया कहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद हेमंत महोलिकर शिक्षाविद ने की।
शायर यूनुस दानियाल विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन फाउंडेशन के संस्थापक श्री कुमार पांडेय ने की।।
कोरबा साहित्य समिति के सचिव और कवि के के चंद्रा ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया।
कार्यक्रम में अंकुर शुक्ला ज्योति दुबे,पूजा पाण्डेय ,दिलीप अग्रवाल,डॉ सक्सेना,प्रो प्रदीप शुक्ल,अंजना सिंह,एच एस होता,विकास शर्मा,अहमद खान,दौलत शर्मा,मनु थॉमस सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के छात्र और शहरवासियों से भाग लिया।