कोरबा।केंद्र की सरकार ने तीन लेबर कोड क्रमशः औद्योगिक संबंध संहिता 2020, व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं काम करने की स्थिति संहिता 2020 तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को 22 सितंबर को लोकसभा मे तथा 23 सितंबर को राज्य सभा मे बिना चर्चा के पास कर दिया है।केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने तीन श्रम सुधार पर संसद मे कहा कि इन श्रम सुधारों का उद्देश्य हमारे श्रम कानूनों को कार्यस्थल की निरंतर बदलती हुई दुनिया के अनुरूप बनाना है उन्होंने आगे कहा कि ये श्रम संहिताएं देश मे श्रमिकों के कल्याण लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा इस संबंध मे एटक के दीपेश मिश्रा ने कहा कि सरकार ने जो लेबर कोड लाया है उसके पूरी तरह से लागू होने पर देश का श्रमिक वर्ग पूरी तरह बंधुआ मजदूर होकर रह जाएगा उन्होंने आगे कहा कि सरकार लेबर कोड विधेयक के जरिए से मजदूर संगठनों एवं कामगारों पर नकेल कसना चाहती है इसमें मजेदार बात तो यह है कि दरअसल सरकार ने लेबर कोड मे क्या प्रावधान की है ये किसी को पता नहीं है क्योंकि संसद मे इस पर कोई चर्चा ही नही की गई है और न ही संसदीय के सिफारिशों को समायोजित किया गया है वास्तविक स्थिति तो तब पता चलेगा जब गजट के माध्यम से पब्लिक डोमेन मे यह विधेयक प्रकाशित होगा तभी असलियत सामने आ पाएगी दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि भाजपा की सोच मेहनतकश कामगार विरोधी है जो पुरे देश मे कॉन्ट्रेक्ट सिस्टम लादना चाहती है इसी के तहत तमाम सरकारी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों का ताबड़तोड़ निजीकरण करने पर आमदा है उन्होंने आगे कहा कि यह अजीब विडम्बना है कि देश मे आजादी के पहले जब अंग्रेजी हुकूमत हुआ करती थी तब 1929 मे सायमन कमिशन ने जो कॉन्ट्रेक्ट पद्धति कि सिफारिश की थी उसे तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह देशहित के खिलाफ है पर अब भाजपा की सरकार पूरे देश मे ठेका पद्धति को आगे बढ़ा रही है उन्होंने आगे कहा कि दरअसल सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं चुनिंदा बड़े उद्योग घरानों के दबाव मे श्रम कानूनों मे बदलाव का कवायद कर रही उन्होंने आगे कहा कि जो विदेशी कंपनियां यंहा व्यापार करने आते है उनके देश मे एक मजबूत श्रम कानून है लेकिन जब वे भारत आते हैं तो युनियन फ्री माहोल चाहते हैं इसी तरह जापान जंहा दुनिया का सबसे अच्छा वर्क क्लचर है वंहा मालिक और मजदूर के बीच अच्छा रिश्ता होता है जो पूरे दुनिया के लिए रोल मॉडल है लेकिन जापान की मारूति सुजुकी कंपनी जब हरियाणा के मानेसर मे फैक्ट्री लगाती है तो ट्रेड यूनियन और स्थाई कर्मचारी नहीं होने की मांग करती है दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि बड़ी अचरज की बात है कि पिछले साल संसद मे 2 अगस्त 2019 मे सरकार ने जो वेज कोड बिल पास किया था उसका भाजपा से जुड़े भारतीय मजदूर संगठन ने समर्थन किया था पर वही बीएमएस आज लेबर कोड विधेयक का मुखालफत कर रही है उन्होंने अंत मे कहा कि लेबर कोड विधेयक का पूरी ताकत के साथ विरोध करने का संयुक्त श्रम संघों ने एलान किया है।