अंबिकापुर। सरगुजा जिले में वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन करने वाले 48000 से ज्यादा लोगों के आवेदन निरस्त किए जाने के बाद अब भाजपा ने सरकार पर हमला बोला है भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने साफ आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार पात्र लोगों को वन अधिकार पट्टा नहीं देना चाहती बल्कि इसका लाभ भू माफियाओं को पहुंचाना चाहती है इस कारण ही इतनी बड़ी संख्या में पहले आवेदन निरस्त किए गए और अब इनकी सुनवाई के लिए 1 दिन में 2000 आवेदनों पर विचार करने की खानापूर्ति की जा रही है ।इधर मंत्री टीएस सिंह देव ने पंचायत और अनुभाग स्तर पर आवेदन निरस्त किए जाने के मसले को अधिकारियों की भूल या जानकारी का अभाव बताते हुए कहा कि सरकार सभी पात्र लोगों को वन अधिकार पट्टा उपलब्ध कराएगी और इसीलिए जिला स्तर पर आवेदनों की जांच की जा रही है ताकि पात्र लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जा सके।दरअसल प्रदेश सरकार वन भूमि पर काबिज आदिवासी और गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को पट्टे वितरण करने का काम कर रही है जिसके तहत सरगुजा जिले में भी लंबे समय से वन भूमि पर काबिज लोगों ने अपने आवेदन प्रस्तुत किए थे मगर हैरत की बात तो यह है कि करीब 48000 आवेदन पंचायत और अनुविभाग स्तर पर निरस्त कर दिए गए जबकि पंचायत और अनुविभाग स्तर पर आवेदन निरस्त करने का कोई प्रावधान ही नहीं है ऐसे में भाजपा ने अब सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया है भाजपा का साफ तौर पर आरोप है कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त करना कहीं ना कहीं सरकार की मंशा को दिखाता है क्योंकि पंचायत और अनुभाग स्तर पर आवेदन निरस्त नहीं किए जा सकते लेकिन ऐसा हुआ और अब इन पर विचार की खानापूर्ति की कार्यवाही की जा रही है जिसके तहत 1 दिन में 2000 आवेदनों पर विचार किया जा रहा है ऐसे में साफ है कि प्रदेश सरकार पात्र लोगों को लाभ देने के बजाय इसका लाभ भू माफियाओं को पहुंचाना चाहती है इधर मंत्री टीएस सिंह देव ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है मंत्री टीएस सिंह देव ने साफ कहा कि पंचायत और अनुभाग स्तर पर आवेदन निरस्त नहीं होने चाहिए थे लेकिन जानकारी के अभाव में ऐसा हुआ है और इसे दुरुस्त किया जा रहा है यही कारण है कि जिला स्तर पर कमेटी बनाकर आवेदनों पर विचार किया जा रहा है और पात्र लोगों को जरूर वन अधिकार पत्र का लाभ दिया जाएगा।