Friday, April 19, 2024
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पति सुंदर नहीं है कहकर, मायके चली गई पत्नी’, हाईकोर्ट ने कहा- शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना क्रूरता के बराबर

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बिलासपुर। वैवाहिक जीवन को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पति-पत्नी में शारीरिक संबंध होना एक स्वस्थ्य वैवाहिक जीवन का अहम हिस्सा है. विवाह के बाद पति या पत्नी में किसी के भी द्वारा शारीरिक संबंध से इंकार करना क्रूरता है. बेमेतरा जिले से आए एक मामले पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है.

ये है पूरा मामला

 

दरअसल न्यायधानी बिलासपुर के रहने वाले युवक की शादी 25 नवंबर 2007 को वर्तमान के बेमेतरा जिला रहने वाले महिला के साथ हुई थी. पति ने अपने तलाक की अपील में बताया है कि पत्नी विवाह के कुछ दिनों के भीतर ही क्रूरता का व्यवहार करती थी. उसे मानसिक रूप से लागातार यह कहकर प्रताड़ित कर रही थी कि पति सुंदर नहीं है.

पिता के निधन के पत्नी मायके चली गई और वहां लगभग चार वर्ष तक लगातार रही. इस दौरान पति मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश का रहा था. पत्नी को वापस आने के लिए कहने पर पत्नी का जवाब आता था कि पति को बिलासपुर छोड़कर बेमेतरा में बसने को कहा जाता था.

इसके बाद पति ने फेमिली कोर्ट में तलाक की अपील की, लेकिन फैमली कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, तो पति ने हाईकोर्ट में अपील किया. इसे बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

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पति-पत्नी में से कोई भी शारीरिक संबंध से इनकार करना क्रूरता के बराबर

 

इस मामले में जस्टिस पी सैम कोशी व जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने कहा कि, यह स्पष्ट है कि अगस्त 2010 से पति-पत्नी के रूप में दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है, जो यह निष्कर्ष निकलाने के लिए पर्याप्त है की उनके कोई शारीरिक संबंध नहीं हैं.

पति और पत्नी के बीच शारीरिक संबंध वैवाहिक जीवन के स्वस्थ होने के लिए महत्वपूर्ण भागों में से एक है. यदि एक पति या पत्नी के साथ शारीरिक संबंध से इंकार करना क्रूरता के बराबर है. इसलिए हमारा विचार हैं कि प्रतिवादी पत्नी द्वारा अपीलकर्ता पति के साथ क्रूरता का व्यवहार किया गया है.

Whatsapp और Just Dial पर ऐसे होता था जिस्म का सौदा, पुलिस भी हैरान

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नई दिल्ली: पहाडों की रानी मसूरी में ऑनलाइन सेक्स रैकेट के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने अंतर्राज्यीय ऑनलाइन देह व्यापार गैंग का भंडाफोड़ करते दो कॉल गर्ल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि जिस्मफरोशी के लिए लडकियों को बाहर से बुलाया जाता था और यहां होटल में रुककर ये धंधा किया जा रहा था।


पकड़े गए पुरुषों में दो हरियाणा और एक पश्चिम बंगाल का है, जबकि महिलाओं में एक दिल्ली और दूसरी उत्तर के अलीगढ़ की रहने वाली है। पुलिस ने एक कार, एक एसयूवी समेत अन्य सामान भी बरामद किया है। गिरोह पर्यटकों को व्हाट्सएप और ऑनलाइन साइट जस्ट डायल से संपर्क कर शिकार बनाता था। पुलिस के मुताबिक, बरामद कारों से महिलाओं को ठिकाने तक पहुंचाया जाता था।

बताया जा रहा है कि पुलिस को शहर देह व्यापार की लगातार शिकायतें मिल रहीं थी। इस बाबत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून और एसओजी की टीम बनाकर रैकेट के भंडाफोड़ करने का जिम्मा सौंपा गया। दोनों टीमों को पता चला कि हरियाणा के कुछ लोग स्पा सर्विस के नाम पर देह व्यापार के लिए बाहरी राज्यों से महिलाओं को लाकर व्हाट्सएप (Whatsapp) और आनलाइन सेक्स रैकेट चला रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने देहरादून-मसूरी रोड पर भट्टा फॉल के पास होटल में छापेमारी कर इन लोगों को रंगे हाथों पकड़ा।
पुलिस के मुताबिक, मसूरी में आने वाले कई पर्यटकों को ऑनलाइन लड़कियों की फोटो भेजकर सौदा तय किया जाता था और ग्राहकों से गैंग आनलाइन पेमेंट लेता था। इसके बाद लड़कियों को कार और एसयूवी के माध्यम से तय स्थान पर भेजा जाता था। पुलिस के मुताबिक, स्पासर्विस के नाम पर जस्ट डायल (Just Dial) पर रजिस्ट्रेशन कराकर उसने लड़कियों के माध्यम से देह व्यापार का काम शुरू किया।

KORBA: कांग्रेसी नेता ने दिया रिजाइन… पार्टी के कार्यकर्ताओं से रुष्ठ होने ल दिया हवाला…

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कोरबा। कांग्रेस कमेटी शहर के ब्लाक अध्यक्ष ने रिजाइन देकर सियासी पारा बढ़ा दिया है। पार्टी के अध्यक्ष लिखे चिट्ठी में कार्यकर्ताओ से रुष्ठ होने का हवाला दिया है।

बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल भेंट वार्ता कार्यक्रम के तहत लोगो से रूबरू हो रहे और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिचार्ज भी कर रहे है। इस बीच कई कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन भी थाम रहे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता और ब्लाक कांग्रेस कमेटी दर्री के अध्यक्ष सुधीर जैन ने रिजाइन देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दिया है। हालांकि उनका रिजाइन लेटर अब तक स्वीकृत नही हुआ है।

KORBA: कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल से पहली बार जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र बनाना हुआ आसान..

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कोरबा ।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने स्कूली और आंगनबाडी केन्द्रो में अध्ययनरत बच्चों के जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए अनोखी पहल की हैं। कलेक्टर श्रीमती साहू की पहल पर स्कूलों और आंगनबाडी केन्द्रो में प्रमाण पत्र बनाने के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिले के स्कूलों और आंगनबाडी केन्द्रो मे शिविर के माध्यम से बच्चो के पालको से जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन लिये जा रहे है।

राजस्व और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम द्वारा शिविर में  आवेदको से आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने के पश्चात आवेदन पत्र भरकर लोक सेवा केन्द्र-तहसील कार्यालयों मे जमा किया जा रहा है। वहां से प्रमाण पत्र बनने के पश्चात छात्र-छात्राओं को जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र का वितरण किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से प्रमाण पत्र बन जाने से बच्चों और उनके पालको को बार-बार तहसील कार्यालय और लोक सेवा केन्द्र जाने से मुक्ति मिल रही है। एक ही जगह पर शिविर के माध्यम से प्रमाण पत्र बन जाने से दूरस्थ क्षेत्रों मे रहने वाले ग्रामीणों को भी कॉफी सहुलियत हो रही है।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्रीमती साहू ने स्कूलो और आंगनबाडी केन्द्रो में पढने वालो बच्चो की सहुलियत के लिए  जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए स्कूलों और आंगनबाडी केन्द्रो में शिविर लगाने के निर्देश दिये थे। स्कूल-आंगनबाड़ियों में प्रमाण पत्र बनाने के लिए राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शिविर मे आवश्यक अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं।


आंगनबाड़ी और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पालकगण जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन को संबंधित आंगनबाड़ी और स्कूलों में जमा कर रहे है। शिविर के माध्यम से स्कूल और आंगनबाड़ियों में प्राप्त आवेदनों को संकलित कर बच्चों के जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनाये जा रहे है।

KORBA: जनजाति सुरक्षा मंच की हुंकार, सरकार खत्म करें धर्मांतरित लोगों का आरक्षण

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पूर्व मंत्री भगत बोले- चंगाई से बीमारी ठीक हो सकती है तो अस्पताल क्यों चल रहे

कोरबा। 70 के दशक में सांसद कार्तिकराम उराव के द्वारा जनजाति वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए 348 सांसदों के हस्ताक्षर वाला पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिए जाने के बाद से अब तक संघर्ष जारी है। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच ने अपने अधिकारों को लेकर लड़ाई तेज की। इसके अंतर्गत मांग की गई है कि धर्मांतरण करने वाले आदिवासियों का आरक्षण समाप्त कर उन्हें डीलिस्ट किया जाए। कोरबा के ओपन थिएटर में आयोजित डी लिस्ट महासभा में वक्ताओं ने मुखर अंदाज के साथ अपनी बातों को रखा। इसी के साथ घोषणा की गई कि पूरे देश भर में इस लड़ाई को और तेज किया जाएगा।

कोरबा जिला के विभिन्न क्षेत्र के लोग इस महासभा में शामिल हुए। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने धर्मांतरण को राष्ट्रीय समस्या बताते हुए इस पर चिंता जताई और कहा कि अपने मूल धर्म को छोड़कर दूसरों को खाद पानी देने वाले लोगों से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत। आदिवासियों के हित की लड़ाई को लेकर पूर्व सांसद कार्थिक राम उरांव के योगदान की चर्चा की गई और बताया गया कि उनकी अधूरी लड़ाई को हर हाल में पूरा करना है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज का यह आंदोलन देश के हितों से जुड़ा हुआ है। हम आदिवासियों को जगाने और सावधान करने के लिए काम कर रहे हैं। कहा गया कि पूर्वजों के द्वारा दिए गए परंपरा संस्कृति और रीति रिवाज की रक्षा करना हमारा मूल धर्म है। जो लोग छोटे-मोटे प्रलोभन के कारण अपने धर्म से अलग होकर मिशनरी और दूसरों के चक्कर में फंसे हुए हैं उनकी जड़ों को काटना जरूरी हो गया है।

पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने साफ तौर पर इस बात को कहा कि हम किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं लेकिन जिस तरह से छल पूर्वक जनजातियों को ठगा जा रहा है और अपनी संख्या बढ़ाई जा रही हैं यह अपने आप में चिंताजनक है और गंभीर संकट है। उन्होंने मिशनरियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में इलाज करने की भारी भरकम सुविधा है तो फिर चंगाई क्यों? सवाल किया गया कि अगर चंगाई से हर बीमारी ठीक हो सकती है तो मिशनरी अपने अस्पताल बंद करें। आखिर डबल कम क्यों होना चाहिए। भगत ने इस बात पर हैरानी भी जताई कि जो चंगाई में फंसा वह लौटकर अपने धर्म में नहीं आया। आखिर कौन सा जादू होता है वहां? कुल मिलाकर धर्मांतरण की इस पद्धति से जनजातीय वर्ग के हितों पर कुठाराघात हो रहा है इसलिए हमारी मांग है कि भारत सरकार धर्म अंतरित लोगों की सुविधाओं को समाप्त करने के साथ उस व्यवस्था को अभिलंब समाप्त करें जिससे मिशनरी फल-फूल रही हैं।


जो अपने धर्म का नहीं, वह देश का नहीं: ननकीराम

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार में मंत्री पद संभालने के साथ वर्तमान में रामपुर क्षेत्र से विधायक ननकीराम कंवर ने डीलिस्ट महासभा को संबोधित किया। बेबाक अंदाज में अपनी बात रखी और कहां की जो व्यक्ति अपने परिवार समाज और धर्म का नहीं हो सकता, वह देश का बिल्कुल नहीं हो सकता। यह लड़ाई देश की अस्मिता की रक्षा के लिए है। धर्मांतरण कर चुके लोग चाहते हैं कि हमारे यहां विदेशों के लोग आकर राज करें ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। जनजाति सुरक्षा मंच का मानना है कि धर्मांतरण ही राष्ट्रान्तरण है। इसलिए हम सब को सजग और सतर्क रहना है।

अखिल भारतीय जन जाति सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक इंदर भगत ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 342 का हवाला देते हुए मूल धर्म का परित्याग करने वाले जनजाति वर्ग के लोगों आरक्षण समाप्त करने की बात को जायज बताया। तर्क दिया गया कि विदेशी धरती पर जन्म में धर्म को अंगीकार करने वालों को विशेष सुविधाएं नहीं मिलते हैं। इसका उल्लेख खुद भारतीय संविधान में है। बताया गया कि वर्ष 2020 में भारत के 288 जिलों में जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा इस मांग को लेकर प्रदर्शन करने के साथ भारत सरकार के नाम पर ज्ञापन दिए गए हैं और लड़ाई जारी रखी गई है। बताया गया कि धर्मांतरण के चक्कर में आदिवासियों को अपने अधिकार तो नहीं मिल रहे हैं लेकिन उनकी आड़ में मिशनरी से जुड़े लोग 80% फायदे प्राप्त कर रहे हैं। प्रांत सह संयोजक रोशन प्रताप सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों और अब तक की सफलता को लेकर बातचीत की। यहां पर दोहराया गया कि आने वाले दिनों में सड़क की लड़ाई और तेज की जाएगी और जनजातियों को अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागृत किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन पुष्पराज सिंह ने किया। संपूर्ण आयोजन में जनजातीय सुरक्षा मंच, धर्म जगरण समन्वय, स्वदेशी जागरण मंच , भारतीय मजदूर संघ, सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपनी भागीदारी दर्ज की। इससे पहले जनजाति सुरक्षा मंच ने वाल्मीकि आश्रम से झंडे बैनर के साथ रैली निकाली। मुख्य मार्ग, सीएसईबी कॉलोनी, गायत्री प्रज्ञा पीठ, कोसाबाड़ी रोड होते हुए यह रैली ओपन थिएटर मैदान पहुंची। शहर और दूरदराज से आए लोगों को जरूरी सुविधा देने के लिए स्थानीय संगठनों के द्वारा ओपन थिएटर मैदान में पेयजल और अल्पाहार के स्टाल लगाए गए थे।

डेंटिस्ट से बने थे स्वास्थ्य मंत्री, 1% कमीशन मांगने पर पहुंचे जेल; जानिए कौन हैं विजय सिंगला ?

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न्यूज डेस्क।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोप में स्वास्थ मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त कर दिया. इसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच सिंगला को गिरफ्तार कर लिया. आरोप था कि स्वास्थ मंत्री विजय सिंगला अधिकारियों से हर ठेके पर एक पर्सेंट कमीशन मांग रहे थे. भगवंत मान को मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने के पुख्ता सबूत मिले थे. ऐसे में भगवंत मान ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए ये कदम उठाया. उन्होंने पुलिस से विजय सिंगला के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की थी. आईए जानते हैं कि विजय सिंगला कौन हैं?

7 साल पहले आप में हुए शामिल

52 साल के विजय सिंगला पंजाब के मनसा से विधायक हैं. उन्होंने 19 मार्च को मंत्रीपद की शपथ ली थी. उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. सिंगला पेशे से डेंटिस्ट हैं और डेंटल क्लीनिक भी चलाते हैं. सिंगला आप में 7 साल पहले शामिल हुए थे.

मूसेवाला को हराकर बने थे विधायक

विजय सिंगला ने मनसा से कांग्रेस उम्मीदवार और प्रसिद्ध गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला को हराया था. विजय सिंगला ने मूसेवाला को मनसा सीट से 63,323 वोट से हराया था. वे 1992 में मनसा सीट बनने के बाद से वे पहले विधायक थे, जिन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था. मूसेवाला नवंबर 2021 में ही कांग्रेस पार्टी में ही शामिल हुए थे. डॉ. सिंगला के पास साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है.

सिंगला ने रिश्वत मांगने की बात स्वीकारी

भगवंत मान ने कहा कि उन्हें मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. उन्होंने कहा, मंत्री विजय सिंगला ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें रिश्वत मांगी थीं. मान ने कहा, जनता ने बहुत उम्मीदों से आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई है, उस उम्मीद पर खरा उतरना हमारा कर्तव्य है. भगवंत मान ने कहा, जब तक अरविंद केजरीवाल जैसे भारत मां के बेटे हैं और भगवंत मान जैसे सिपाही हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध जारी रहेगा. उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल ने वचन लिया था कि पंजाब से भ्रष्टाचार के सिस्टम को जड़ से उखाड़ फेकेंगे, हम सब उनके सिपाही हैं, एक पर्सेंट भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है.

 

 सरकार पर आरोपों की बौछार, बोले- अपराधियों का गढ़…

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राजनांदगांव।भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने राजनांदगांव में एक ढाबे संचालक पर हुए जानलेवा हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपराधियों का गढ़ बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लोग इस पूरे मामले को छुपाने में लगे हैं, जो बेहद निंदनीय है। संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

वोट बैंक की राजनीति
सांसद संतोष पाण्डेय (MP’s Respond) ने कहा कि इस पूरे घटना को लेकर कांग्रेस सरकार की मौनता संदेह को जन्म देती है। कांग्रेस की सरकार कभी भी सर्व समाज की चिंता नहीं रही है। उन्हें केवल अपनी वोट बैंक की राजनीति की ही परवाह रही है। यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या अपराधी अपराध को अंजाम देते।

ढाबा संचालक दीपक यादव, गौरव यादव पर प्राणघातक हमले कर देते है। ये दोनों अपनी जान की परवाह किए बना परमार्थ करते अनहोनी घटना होने से एक ड्राइवर को बचा लेते है। घटना होने के बाद भी लंबे समय बाद भी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती है। कार्यवाही के नाम पर कुछ औपचारिकता ही की जाती है।

जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग
पाण्डेय ने कहा कि, समय रहते कार्यवाही (MP’s Respond) होती तो इस तरह की घटना की पुर्नावृत्ति नहीं होती। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। उनकी भीतरी लड़ाई तो अब सड़कों पर है जो पूरे प्रदेश में किसी से छिप नहीं रहा है। केवल कुछ अधिकारी पीआर मैनेजमेंट करके केवल कथित वाहवाही लूटने में लगे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तत्काल प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए और जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

हसदेव अरण्य को बचाने सड़क पर उतरा जनसैलाब… देंखें VIDEO…

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कोरबा। हसदेव अरण्य को बचाने अब लोग सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज करा रहे है। कोल माइंस का विरोध अब एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है।

बता दें कि परसा कोल माइंस के विरोध में देश से लेकर विदेश में भी जन आंदोलन शुरू हो गया है। इस कड़ी में लगातार प्रदर्शन कर हसदेव अरण्य को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। माइंस का अब जन आंदोलन का रूप लेने लगा है।

देंखे वीडियो..

 

IAS Interview Questions: एक लड़की अपने सभी कपड़े कब उतारती है? जानें UPSC के इंटरव्यू में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

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The Duniyadari.com: अगर आप यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा के अलावा इंटरव्यू के लिए भी खुद को तैयार करना चाहिए. जो उम्मीदवार इन तीनों स्टेज में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उनका सिविल सेवा का सपना पूरा हो जाता है. इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत होती है, क्योंकि यहां किसी भी तरह का सवाल उनसे पूछा जा सकता है. कई सवाल तो ऐसे होते हैं, जिन्हें सुनकर कैंडिडेट्स काफी कंफ्यूज हो जाते हैं. हालांकि जो लोग इन सवालों में फंसने के बजाय सही जवाब देते हैं, उनके सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. आज आपको ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में बता रहे हैं.

1. एक लड़की अपने सभी कपड़े कब उतारती है?

जवाब- जब कपड़े सूख जाते हैं.

2. भारत में हीरे की खान किस राज्य में है?

जवाब- आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़

3. मदर टेरेसा का जन्म किस देश में हुआ था?

जवाब- मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था.

4. भारत के किस शहर को ब्लू सिटी के नाम से जाना जाता है?

जवाब- राजस्थान के जोधपुर शहर को ब्लू सिटी के नाम से जाना जाता है.

5. भारत के अलावा किस देश का राष्ट्रीय फूल कमल है?

जवाब- वियतनाम का भी राष्ट्रीय फूल कमल है.

6. अगर एक दीवार को 10 व्यक्तियों ने 5 दिन में बनाया है, तो 5 लोगों को वही दीवार बनाने में कितना टाइम लगेगा?

जवाब- बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि दीवार पहले ही बन चुकी है.

7. किस देश में खट्टा शहद पाया जाता है?

जवाब- ब्राजील

8. भारत में पहला फोन कब लॉन्च किया गया था?

जवाब- साल 1995

9. भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल कब लगाया गया था?

जवाब- सन 1962

10. भारत के पहले उप-राष्ट्रपति कौन थे?

जवाब- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

हाथ में मेंहदी रचाकर दूल्हे का इंतजार करती रही दुल्हन, पूरी रात गुजर गई लेकिन नहीं आई बारात; वजह है चौंकाने वाली

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न्यूज डेस्क।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा स्थित देहात थाना क्षेत्र के काराबोह में एक परिवार में शादी की खुशियां कुछ घंटों बाद उस समय मायूसी में बदल गई जब देर सुबह तक बारात नहीं आई. दुल्हन हाथों में मेंहदी रचाकर अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लेने के अरमानों के साथ बारात आने का इंतजार कर रही थी. परिवार, रिश्तेदार और परिचत शादी की रस्म पूरी करने के साथ ही उपहार देकर लौट गए, लेकिन मंडप तक बारात नहीं पहुंची.

शादी वाले दिन दूल्हे का इंतजार करती रही दुल्हन
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते रविवार को काराबोह निवासी युवती की शादी सोनू के साथ होनी थी. लड़का छिंदवाड़ा के छिंदा स्थित खैरीचेतू का रहने वाला है. युवक मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) में पदस्थ है. दोनों ही परिवार की रजामंदी और युवक-युवती की सहमति के बाद शादी तय हुई थी. सारी तैयारियों के बाद रविवार की रात में बारात आनी थी. बड़े ही उल्लास के साथ सभी को बारात के आगमन का इंतजार था.

दुल्हन के घर आखिर क्यों नहीं आई बारात?
रिश्तेदार और अन्य आमंत्रित लोग उपहार देकर भोजन के बाद शादी लगने की प्रतीक्षा कर रहे थे. घड़ी के कांटों की टिक-टिक के साथ समय बीतता गया. रविवार की रात में बारात लेकर आने वाला दूल्हा अगली सुबह तक भी नहीं पहुंचा. सारी खुशियां मायूसी में बदल गई. दुल्हन के सारे अरमान धरे के धरे रह गए. पीड़ित परिवार के सदस्य और रिश्तेदार देहात पुलिस थाना पहुंचे और पूरे मामले की लिखित शिकायत दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर सीएसपी संतोष डेहरिया भी पहुंचे. पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है. बताया जा रहा है कि युवक का बैतूल में ही किसी युवती से प्रेम प्रसंग है, जिसके चलते वह बारात लेकर नहीं पहुंचा.