कोरबा। देश के सांप्रदायिक सौहाद्र के लिए अपने जान न्यौछावर करने वाले गणेश शंकर विद्यार्थी को याद किया गया। राष्ट्रीय प्रभारी पर्यावरण मंच(भामसं) के लक्ष्मण चंद्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले गणेश शंकर विद्यार्थी 26 अक्तूबर 1890 को ग्वालियर में जन्मे विद्यार्थी जी वर्ष 1931 में आज ही के दिन सांप्रदायिक एकता की खातिर बलिदान हो गए थे। उनके बलिदानों को भुलाया नही जा सकता।
बता दें कि भारतीय कोयला खदान मजदूर संगठन (बीएमएस) ने हिंदी के पत्रकार व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही, समाज सुधारवादी नेता शहीद स्व गणेश शंकर विद्यार्थी बलिदान दिवस को सर्वपंथ समादर दिवस व बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान संगठनात्मक गतिविधियों पर मंथन किया गया गया। वक्ताओं ने कहा कि हम सब को संगठन के लिए एवं देश हित में सदैव ही कार्य करते रहना चाहिए।
प्रधान कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां भारती- भारत माता, भगवान विश्वकर्मा तथा दत्तोपंत ठेंगड़ी, शहीद स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी के तैल चित्र पर माल्यार्पण, पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलित एवं भारत माता की जय घोष के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे संगठन के महामंत्री अशोक कुमार सूर्यवंशी ने स्व. विद्यार्थी की जीवनी पर रोशनी डालते हुए संक्षिप्त में उनकी जीवन परिचय का वाचन किया। पर्यावरण मंच के राष्ट्रीय प्रभारी लक्ष्मण चंद्रा ने भी शहीद विद्यार्थी के जीवन से संबंधित कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए संगठनात्मक मुद्दों को प्रमुखता के साथ रखा। कार्यक्रम मैं मंचस्थ अतिथियों के अलावा अश्वनी मिश्रा, प्रीतम राठौर, डीसी झा, भरत शरण मिश्रा, हिरण कुमार चंद्रा, बनवारीलाल चंद्रा,के पी पाटले, राजेंद्र यादव,के अलावा चारों क्षेत्र के पदाधिकारी एवं काफी संख्या में कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।