KORBA: यहां शासकीय नियम का ,नही बाबू का चलता नियम… जब मर्जी पड़ी तो जड़ देता है ताला…

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कोरबा। कटघोरा तहसील में सरकार के नियमो का नही बल्कि बाबु का राज चलता है। यहां पदस्थ बाबु तय करते है तहसील का दफ्तर कब तक खुलेगा और कब बंद होगा।

बता दें कि कटघोरा तहसील में बाबू की मनमानी किस कदर हावी है इसका ताजा उदाहरण 12 बजे तक दफ्तर में जड़े ताला से लगाया जा सकता है। खबरीलाल की माने तो तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू साहब के अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए मनमानी पर उतर जाते है और बहाना बनाकर दफ्तर से बाहर निकल जाते है। वैसे भी आजकल सरकारी अधिकारियों को तो पता ही है प्यासा कुवां के पास आता ही हैं। सो जिसका काम होगा वो फोन मिला लेगा। अब काहे को इस जेठ की दोपहरी में दफ्तर में बैठकर पसीना बहाना । इससे अच्छा है साहब के निकलते हो खुद भी निकल जाना और घर के एससी में आराम फरमाना फिदरत बन गई है। भले ही आम जनता भटके तो भटके उससे क्या?

इस संबंध में कटघोरा एसडीएम कौशल तेंदुलकर ने कहा कि ऑफिस में ताला नही लगा है जो ताला दिख रहा है वो वैसी बंद ही रहता है। कार्यालय निर्धारित समय से सुचारू रूप से संचालित है।