KORBA: विवेचना पर कोर्ट की गंभीर टिप्पणी… कहा हत्या के प्रकरण में तत्कालीन थानेदार ने विवेचना में की लापरवाही…

1142

कोरबा। हत्या के एक मामले में पाली थाना के तत्कालीन थानेदार पर कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने टीआई विजय ठाकुर के विवेचना पर गंभीर टिप्पणियां की है। स्पष्ट रूप से उन्होंने कहा कि विवेचना के दौरान असली मुजरिम को बचाने जाल बुना गया और मनगढ़ंत कहानी रचकर निर्दोष व्यक्ति को हत्या का आरोपी बनाया गया।

प्रकरण में तर्क किया गया है कि प्रकरण में डीएनए परीक्षण हेतु अज्ञात शव का फीमर बोन संरक्षित किया गया था परंतु विवेचक द्वारा जानबूझकर DNA टेस्ट नहीं कराया गया था, क्योंकि इन्द्रकुंवर के माता पिता का सेंपल लेकर फीमर बोन का DNA टेस्ट कराने से यह स्पष्ट हो जाता कि अज्ञात शव इन्द्रकुंवर का नहीं है।

 

विवेचना पर न्यायालय ने की गंभीर टिप्पणियां

बता दें कि कटघोरा के अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार लाल ने फैसला देते हुए हत्या के आरोपी को रिहा कर दिया है लेकिन न्यायाधीश ने पाली थाना के तत्कालीन थानेदार विजय ठाकुर के विवेचना पर सवाल खड़ा कर दिया है।

47 पन्नों के जजमेंट में उन्होंने कमेंट्स करते हुए कहा है कि जिस किशोरी की हत्या के जुर्म में आरोपी सजा काट रहा है उसे पुलिस द्वारा बुना गया है। पुलिस ने जिस महिला का शव को कु. इन्द्रकुमारी मानकर आरोपी को फंसाया गया वो असल मे दूसरी महिला का शव है क्योंकि फॉरेंसिंक टीम एक्सपर्ट ने जिस अधजली लाश का रिपोर्ट बनाया है, उसकी उम्र 30 से 35 वर्ष बताया गया है जबकि कु. इन्द्रकुमारी का उम्र  परिजनों ने 16 वर्ष बताया था।

इसके बाद भी पुलिस ने अधजली लाश को मृतिका का दर्शाते हुए उसके बॉयफ्रेंड को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। यही नही पुलिस ने मेमोरेंडम में मृतिका कु. इन्द्रकुमारी का बाल में लगाने वाला बक्कल कुर्ती और अंगूठी को मृतिका के घर मयार से जब्ती  बताया गया है उसे मृतिका के परिजनों ने पुलिस द्वारा घर से मांग कर ले जाना बताया है। कुल मिलाकर जॉली एलएलबी में हुए फर्जी इनकाउंटर की तर्ज पर एक  निर्दोष को फसाने और असली आरोपी को बचाने की साजिश रचा गया था।

 

 

ये है मामला

 

पाली थाना के अंर्तगत आने वाले सराईपाली मेन रोड के समीप  हत्या कर शव को जलाने की सूचना पर पंचनामा कर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान पांच महीने बाद पुलिस मृतिका की पहचान पाली थाना के अंतर्गत आने वाले दमिया सराईपाली निवासी किशोरी के में कई और पूछताछ में उसके बॉयफ्रेंड को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

 

मृतिका की पहचान महिला के रूप में

हत्या के बाद बिलासपुर की फॉरेंसिंक टीम ने मौके वारदात पर पहुंचकर तस्दीक की थी। राज्य न्यायालयीक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डा0 पी0एस0 भगत के शव परीक्षण प्रतिवेदन में अज्ञात शव की उम्र 30 वर्ष होना लिखा है। जांच के आधार पर मृतिका की उम्र 30 से 35 साल की थी। जबकि दमिया निवासी कु. इन्द्रकुमारी की उम्र महज 16 साल । इसके बाद भी मनगढ़त कहानी रचते हुए पुलिस ने एक निर्दोष को गिरफ्तार कर लिया।

 

आदेश में जप्त किये गए साक्ष्य वस्तुओं को सुरक्षित रखने की बात

न्यायालय ने प्रकरण में प्राप्त साक्ष्य के तथ्यों को सुरक्षित रखने का निर्देश देते हुए कहा कि उक्त सामानों को अपील अवधि पश्चात संबंधित पुलिस थाना को वापस इस उददेश्य से दिया जाये कि वह किसी अन्य प्रकरण में आवश्यकता होने पर साक्ष्य हेतु उपयोग कर सकें तथा जप्त फीमर बोन को भी थाने में इस आशय से सुरक्षित रखा जावे कि किसी अन्य प्रकरण में साक्ष्य हेतु आवश्यकता होने पर उसका उपयोग किया जा सके।