KORBA: हवा का झोंका और गांव में राखड़ वर्षा… ग्रामीणों ने राखड़ डेम का काम कराया बंद…

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कोरबा। सीएसपीजीसीएल के पॉवर प्लांटों से निकले वाली राख अब ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो रहा है। हल्का सा हवा का झोंका आया तो पंडरीपानी में राख की वर्षा होने लगी। राखड़ वर्षा से परेशान ग्रामीणों ने राखड़ डेम में चल रहे काम को बंद करा दिया है।

बता दे कि राख खाते है राख पीते है और राख ही जीते है। ये कहना है पंडरीपानी के ग्रामीणों का।दरअसल डीएसपीएम से उत्सर्जित राख पंडरीपानी राखड़ डेम में डंप होता है। राख की खपत कम होने की वजह से डेम पूरी तरह भर चुका है। अब राख ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है। कहने को तो राख का कागजो में यूटिलाइजेशन जोरो पर है पर असल हकीकत कुछ और बया कर रहा है। गोढ़ी के समीप बने राखड़ डेम से उड़ने वाली राख से ग्रामीण कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे है। मंगलवार को राखड़ वर्षा से तंग आकर ग्रामीणों ने डेम का घेराव कर दिया।ग्रामीणों का कहना है कि विद्युत कंपनी के डीएसपीएम संयंत्र के राखड बांध से जीना दुर्भर हो गया है। राखड बांध से उड़ने वाले राख से हलकान ग्रामवासियों ने कई बार प्रबंधन व पर्यावरण विभाग के समक्ष शिकायत की, पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी। बहरहाल ग्रामीणों के लामबंद होने के बाद प्रबंधन के आला अधिकारीयो में हड़कम मचा हुआ है।