Korba : 15 दिन गुजरे पर शासन ने नहीं किया संयुक्त मोर्चा की मांगों पर विचार, अब शासकीय कर्मी एक अगस्त से आर -पार की लड़ाई के लिए तैयार

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0 छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन व महासंघ के संयोजकों ने प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर स्मरण पत्र

 

कोरबा। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव के नाम कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन व महासंघ की ओर से एक स्मरण पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि संयुक्त मोर्चा द्वारा दिए गए पांच सूत्रीय मांगों पर शासन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बात को 15 दिन गुजर चुके हैं, पर घोषणा पत्र के विपरीत शासन का वादा और हमारी मांगों अब भी अधूरी हैं। इसके चलते शासकीय कर्मी आक्रोशित हैं और अगर जल्द ही कोई निर्णय पर न पहुंचे, तो अभी केवल एक दिन की हड़ताल की गई है, यही दशा रही तो एक अगस्त से अनिश्चित आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। मांगों के निराकरण के लिए तत्काल समुचित आदेश जारी करें, अन्यथा बेमुद्दत हड़ताल से आर-पार की लड़ाई देखने तैयार रहें।

मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन के नाम यह पत्र छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के संयोजक जेपी खरे व छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक केआर डहरिया ने लिखा है। प्रदेश के कर्मचारियों व अधिकारियों की पांच सूत्रीय मांगों के निराकरण का स्मरण कराते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा द्वारा पूर्व में दिए गए 23 जून के पत्र का संदर्भ दिया गया है। सात जुलाई के इस पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन एवं आंदोलन के माध्यम से अपनी मांगों के संबंध में ध्यानाकृष्ट कराया जाता रहा है। किन्तु शासन द्वारा आज पर्यन्त तक उन मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिए जाने से शासकीय कर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इनकी पांच मांगों में छठवें वेतनमान के आधार पर देय गृह भाड़ा भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केन्द्रीय दर पर पुनरीक्षित किया जाना, राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान देय तिथि से महगाई भत्ता स्वीकृत किया जाना, कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना, कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा के क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमश: 8, 16, 24 एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत किया जाना एवं अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित किया जाना और पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जाये एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जाना शामिल है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से संबद्ध संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ एवं प्रदेश के समस्त कर्मचारी-अधिकारी संगठनों के द्वारा उपरोक्त मांगों को लेकर 7 जुलाई को काम बंद आंदोलन किया जा रहा है। सरकार द्वारा अनिर्णय की स्थिति में 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। संयोजकों ने निवेदन किया है कि संयुक्त मोर्चा के इस अनुरोध में उल्लेखित मांगों के निराकरण के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए समुचित आदेश जारी करें।