कोरबा।छत्तीसगढ़ प्रदेश के कर्मचारी व अधिकारी केंद्र के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता तथा सातवें वेतनमान में गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर 22 अगस्त से बेमियादी हड़ताल करने पर मजबूर हो गए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ कर्मचारी के अध्यक्ष जे पी उपाध्याय , सचिव एन के राजवाड़े ने संयुक्त बयान में बताया कि महंगाई भत्ता तथा गृह भाड़ा भत्ता की मांगों को लेकर 29 जून को एक दिवसीय हड़ताल के बाद तथा 25 से 29 जुलाई 2022 को पांच दिवसीय हड़ताल के बाद भी छत्तीसगढ़ शासन कर्मचारी अधिकारी की जायज मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है वहीं केंद्रीय कर्मचारियों को अब 4% महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2022 से प्रदान करने का आदेश हो गया है इस आधार पर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के कर्मचारियों से 16% कम हो गया है।जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में धैर्य की सीमा समाप्त हो गई है और अब 22 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य हो गए हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात ,झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कर्मचारी अधिकारी 34% महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं परंतु छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अधिकारी मात्र 22% महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं एवं गृह भाड़ा भत्ता भी छठवें वेतनमान में प्राप्त हो रहा है यदि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी की उपरोक्त मांगे जायज नहीं है तो सरकार को बताना चाहिए। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला कोरबा के पदाधिकारी विनय सोनवानी कार्यकारी अध्यक्ष एन के रजवाड़े सचिव प्रभात शर्मा वरिष्ठ उपाध्यक्ष टी आर कुर्रे उपाध्यक्ष सुरेश उपाध्याय, के एल डहरिया, प्रभात शर्मा,एम के मिश्रा, राम कुमार चंद्रा, विनोद कुमार जयसवाल, के पी कुलमित्र, संतोष यादव, सी के राठौर, मानसाय लहरे, जे पी पात्रे, शैलेंद्र नंदी,श्यामलाल राठौर, राजेश कुमार साहू, धनीराम भगत बीके खांडे, ईश्वर प्रसाद यादव आदि ने 22 अगस्त के अनिश्चितकालीन हड़ताल को सफल करने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है !अधिकारी कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगों के लिए बहुत लंबे समय से संघर्षरत हैं ,परंतु शासन ने इस पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण अब निर्णायक आंदोलन करने के लिए यह मजबूर हो गए हैं।