कोरबा। छठ पर्व को सार्वजनिक कार्यक्रम है और भोजली विसर्जन निजी कार्यक्रम है ये कहते हुए भोजली पर्व को सामाजिक उत्सव मानने से निगम आयुक्त ने स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया है। नगर निगम आयुक्त के वायरल ऑडियो के बाद छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने वालों में बवाल मच गया है।
बता दें कि प्रदेश के मुखिया छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने का काम कर रहे है और उनके अफसर छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा से जुड़े भोजली पर्व को सार्वजनिक मानने से इंकार कर रहे हैं। मामला है भोजली विसर्जन का। छत्तीसगढ़हिया क्रांति सेना छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा को सहेजने का काम करते रही है। इसी कड़ी में भोजली विसर्जन को भव्य रूप देते हुए हर वर्ष वृहद कार्यक्रम किया जाता रहा हैं।
इस वर्ष भी प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना के साथ लोक पर्व भोजली दाई को विदा करने और लिए भोजली विसर्जन कार्यक्रम रखा गया है। जिसके लिए क्रांति सेना के प्रदेश महामंत्री दिलीप मिरी ने नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे से दूरभाष के माध्यम से कार्यक्रम के लिए डेंगुरनाला घाट में भोजली विसर्जन के लिए टेंट लाइट व सफाई की व्यवस्था करने के लिए निवेदन किया तो आयुक्त ने लाइट टेंट लगाने से इंकार कर दिया । जब मिरि ने कहा कि छठ में सारा व्यवस्था नगर निगम की होती है, तो उन्होंने इसे डिफाइन करते हुए यह कह डाला कि छठ सार्वजनिक कार्यक्रम है और भोजली एक निजी कार्यक्रम तो निजी कार्यक्रम के लिए निगम कोई सुविधा उपलब्ध नही करा सकता। आयुक्त के बिगड़े बोल के बाद स्थानीय लोगों मे जबरदस्त रोष व्याप्त है।