Sanjay Raut Case: कौन हैं संजय राउत केस में ईडी को कड़ी फटकार लगाने वाले जस्टिस एमजी देशपांडे? जानिए

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Patra Chawl Scam Case: स्पेशल जस्टिस एमजी देशपांडे (Special Justice MG Deshpande) ने बुधवार (9 नवंबर) को शिवसेना सांसद संजय राउत (Shivsena MP Sanjay Raut) को उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए जमानत (Bail) दे दी। जस्टिस देशपांडे ने केस का परीक्षण नहीं करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी खिंचाई की। जस्टिस देशपांडे जुलाई 2021 से मुंबई सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत नामित अदालत का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं।

अदालत में अधिकतम मामले 60 से अधिक हैं। इन मामलों को पीएमएलए के तहत सौंपा गया है। मुंबई की अदालत में जस्टिस पांडे के पिछले कार्यकाल में एक विशेष सीबीआई (CBI) जज और एक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जस्टिस के रूप में काम कर चुके हैं। बुधवार को जस्टिस पांडे ने अपने 122 पन्नों के आदेश में कहा कि ईडी की आरोपी को गिरफ्तार करने की गति असाधारण है लेकिन इसकी जांच बहुत ही धीमी गति से हो रही थी।
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जस्टिस पांडे ने कहा, “मैं यह नोट करने के लिए विवश हूं कि जब ये नामित कोर्ट शुरू की गई है तब से ईडी ने एक भी ट्रायल ऐसा नहीं किया है जिससे कि उनके सबूतों के आधार पर किसी भी मामले का निष्कर्ष निकाला जा सके। इसी वजह से पिछले एक दशक से कोर्ट एक भी फैसला नहीं दे सका है।” उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने मुंबई सिटी एंड सिविल कोर्ट ने चीफ जस्टिस को एक विस्तृत रिपोर्ट इस मामले में भेजी गई थी। ईडी ने इस तरह के तौर तरीकों का फायदा उठाया और जब कोर्ट ईडी ट्रायल में देरी के लिए स्पष्टीकरण मांगता है तो उनके अधिकारी कहते हैं जांच जारी है।
कोर्ट ने धीमी गति से सुनवाई के लिए लगाई थी ईडी को फटकार
ये पहला मौका नहीं था जब अदालत ने ईडी की सुनवाई के दौरान धीमी गति से कार्यवाही का मुद्दा उठाया हो इसके पहले भी कोर्ट ने ईडी की ओर से धीमी गति से सुनवाई का मुद्दा उठाया था। फरवरी में, अवंता रियल्टी मामले में राणा कपूर को जमानत देते हुए हालांकि कपूर अन्य मामलों में हिरासत में हैं न्यायाधीश देशपांडे ने कहा था कि ईडी ने लंबे समय से लंबित मामलों की सुनवाई शुरू करने के लिए कोई सक्रिय दृष्टिकोण नहीं दिखाया है।

पीएमएलए कोर्ट में एक भी मामले का निपटारा नहीं हुआ
इसके बाद जस्टिस पांडे ने फरवरी में सुनाए गए अपने आदेश में कहा था, “यह एक तथ्य है कि जब से पीएमएलए मामलों के लिए यह विशेष न्यायालय शिफ्ट किया गया है, तब से एक भी पीएमएलए मामले का निपटारा निर्णय द्वारा नहीं किया गया है। ईडी ने लंबे समय से लंबित मामलों की सुनवाई शुरू करने के लिए कोई सक्रिय दृष्टिकोण नहीं दिखाया था।” द इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से इस बात का पता चला था कि 2008 और 2012 के बीच, ईडी ने प्रति वर्ष एक या दो से अधिक मामले दर्ज नहीं किए थे, जो बाद के वर्षों में तेजी से बढ़ गए। एक दशक बीत जाने के बावजूद इन मामलों में अब तक सुनवाई नहीं शुरू हुई है।

ये मामले हैं लंबित
जमानत आदेश पर फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने बुधवार को कहा कि राउत के खिलाफ मामला दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा, जिसे सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई के लिए नामित किया गया है। न्यायाधीश देशपांडे की अदालत के समक्ष लंबित अन्य मामलों में राणा कपूर के खिलाफ यस बैंक का मामला, पुणे के स्टड फार्म के मालिक हसन अली खान के खिलाफ मामला 2011 से लंबित, आईसीआईसीआई की पूर्व एमडी चंदा कोचर के खिलाफ मामला, गैंगस्टर इकबाल मेमन उर्फ ​​इकबाल के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला शामिल है। मिर्ची और अन्य कई मामले लंबित पड़े हैं।