बिलासपुर- कुछ बीज,कुछ साबुत अनाज और कुछ मेवा की मदद से ब्लड शुगर नियंत्रण में रखा जा सकेगा। और हां, भिंडी और दही, दैनिक आहार में शामिल किया जा सके, तो यह बीमारी पूरी तरह नियंत्रित की जा सकेगी।
हमने मोटा अनाज खाना छोड़ा, तो किसानों ने फसल उगाना बंद कर दिया। परिणाम मधुमेह, कब्ज और पाईल्स जैसी कई बीमारियों के रूप में हमारे सामने हैं। मोटापा और वजन का बढ़ना तो जैसे शाश्वत समस्या बन चुकी है। हल किया जा सकता है इसे। इसलिए अनुसंधान के बाद आठ ऐसी उपज को चिन्हित किया गया है, जिसे सुपर फूड ग्रेड की सूची में शामिल कर लिया गया है और इनकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
यह 8 सुपर फूड्स
सुपर फूड में पहली बार दालचीनी को जगह मिली है। मसाला के रूप में इसकी पहचान पहले से ही है।भिंडी में पॉलिवोनोइड, पॉलीसेक्राइड भी होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट तत्व होने की वजह से इसे भी सुपर फूड्स में जगह मिली है। दलहन की सभी प्रजातियों को ब्लड शुगर रोकने में सक्षम पाया गया है। बीज में अलसी, कद्दू और चिया बीज भी इस लिस्ट में मिलेंगे क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर के होने की जानकारी मिली है। साबुत अनाज में ओट्स और गेहूं, आम हो चली इस बीमारी को रोकते हैं। इसके अलावा अंडा और दही को भी पहली बार सुपर फूड्स की श्रेणी में लिया गया है।

निजात इन बीमारियों से
ब्लड शुगर, गैस, एसिडिटी, मोटापा, वजन बढ़ना, खून की कमी, बालों का असमय झड़ना, और थकान जैसी स्वास्थ्यगत समस्याएं मोटा अनाज के नियमित सेवन से दूर की जा सकेगी। इसके साथ ही कब्ज, पाइल्स, फिशर, अल्सर और हर्निया जैसी बीमारी से भी निजात मिलेगी।
विश्व स्तर पर प्रयास
दुबई वर्ल्ड एक्सपो में विचार के बाद विश्व स्तर पर यह तय किया गया कि मोटा अनाज की बोनी और सेवन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। ताकि गंभीर होती यह सभी स्वास्थ्यगत समस्याएं समय रहते दूर की जा सके। इसलिए देश के किसानों को प्रोत्साहित किए जाने की योजना बन रही है।
लोकप्रिय खाद्य समूह
सुपर फूड एक लोकप्रिय खाद्य समूह है जो मानव शरीर के लिए कई लाभ के लिए जाना जाता है। जो चीज इन खाद्य पदार्थों को ‘सुपर’ बनाती है वह है उनका उच्च पोषण मूल्य और कम प्रतिकूल प्रभाव।
– डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर