सुशांत सिंह राजपूत केस में मादक पदार्थों की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सामने रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए जब ‘गप्पी’ को आमने-सामने बिठाया, तो एक और नया राज सामने आ गया है। इस पूछताछ में मालूम हुआ है कि मुंबई में केवल दर्जनभर लोगों तक ही ड्रग नहीं पहुंचती थी, बल्कि यह सूची तो बहुत लंबी है। रिया चक्रवर्ती के अलावा अनुज केशवानी, करमजीत उर्फ केजे, दीपेश सावंत, संकेत पटेल, अंकुश, फतेह अंसारी और सैमुएल मिरांडा से हुई पूछताछ में ‘नई टोली’ का खुलासा हुआ है।
इनकी निशानदेही पर कई जगह छापेमारी की गई है। सूत्र बताते हैं कि ‘नई टोली’ में कई नामी टीवी कलाकार और दक्षिण भारत के स्टार शामिल हो सकते हैं। इनमें से कई लोगों के नाम जांच एजेंसी के पास आ गए हैं। जांच एजेंसी इस सप्ताह ऐसे कई लोगों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।  दूसरी ओर, बॉलीवुड में गप्पी किस तरह की पैकिंग में ड्रग पहुंचाते थे, इस राज से परतें अब हटने लगी हैं। नए लोगों को ड्रग मुहैया कराने के लिए दवा के आकार की पैकिंग होती थी। वह पैकेट निजी कूरियर कंपनी को भेज दिया जाता था। हालांकि नियमित ग्राहकों तक एक बड़ी टिप के एवज के साथ ‘गप्पी’ खुद ही ड्रग सप्लाई करते थे।
सूत्रों के अनुसार, नशीले पदार्थ मामलों की जांच अब बहुत आगे निकल गई है। इसमें केवल दो दर्जन चेहरे नहीं, बल्कि बॉलीवुड की कई टोलियां शामिल हैं। ड्रग लेने की सुविधा मुहैया कराने वाली बड़ी रेव पार्टियों के संचालक भी जांच एजेंसी के रडार पर आ गए हैं। बॉलीवुड से जुड़े बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें इन पार्टियों में ही ड्रग की लत लगी थी। गप्पी से की गई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ऐसी पार्टियां सामान्य होटल या फार्म हाउस में नहीं होती थीं। ये मुंबई जगत के प्रभावशाली लोगों के फार्म हाउस हैं, जहां पुलिस को कथित तौर पर यह मालूम होता था कि ये फलां व्यक्ति का फार्म हाउस या होटल है।
यही वजह है कि ऐसी पार्टियों में पुलिस की छापेमारी तक नहीं होती। इन पार्टियों के बाद कई लोगों ने अपने घरों पर ड्रग मंगवानी शुरू कर दी। चूंकि गप्पी की एक पूरी चेन होती है, इसलिए बॉलीवुड के लोगों को माक पदार्थ मंगवाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। पार्टियों वाले गप्पी ही घर पर ड्रग सप्लाई कर देते हैं। उन्हें इसके लिए अतिरिक्त पेमेंट देनी पड़ती है।
अधिकांश मामलों में नशीले पदार्थों की खेप मुंबई के आसपास वाली जगह या गोवा से आती रही है। गोवा में नशीले पदार्थों के कारोबारी क्रिस कोस्टा, कैजन इब्राहिम और डीए फर्नांडिस जांच एजेंसी की कई कड़ियों को जोड़ सकते हैं। वहां छापेमारी जारी है। जांच एजेंसी के पास इस बात के पुख्ता सबूत मौजूद हैं कि इन लोगों से अनुज केशवानी, दीपेश सावंत और शौविक ने डील की थी। हालांकि ये सभी बड़े सिंडिकेट के सदस्य हैं। इनमें कई लोगों का तो केमिकल ड्रग्स का भी व्यापार है।