कोरबा/बिलासपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ.पीएस मिश्रा ने विभिन्न श्रमिक संघों व फेडरेशनों आगामी 28 एवं 29 मार्च को प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल पर ना जाने की अपील की है।
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ.पीएस मिश्रा ने श्रमिक संघों व फेडरेशनों से अपील करते हुए कहा है कि श्रमिक संघों व फेडरेशनों के हड़ताल पर जाने से कंपनी का उत्पादन प्रभावित होगा। साथ प्रस्तावित हड़ताल के संबंध में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के अंतर्गत सीआईएल द्वारा मुख्य श्रम आयुक्त (केन्द्रीय), नई दिल्ली एवं एसईसीएल द्वारा उपमुख्य श्रमायुक्त (के), रायपुर (छ.ग.) को संदर्भित किया गया है।
ऐसी स्थिति में इसमें भाग लेने वाले संबंधित कर्मचारियों को “काम नहीं तो वेतन नही” के सिद्धांत के आधार पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा साथ ही एसईसीएल के प्रमाणित स्थाई आदेश के तहत अन्य अनुशासनिक कार्यवाईयाँ भी की जा सकती हैं।
डॉ.पीएस मिश्रा ने कहा है कि कोयला श्रमिकों के वेतन और सेवाशर्तों पर विचार-विमर्श के लिए जेबीसीसीआई-11 का गठन किया जा चुका है और जल्द से जल्द समझौता करने के लिए बातचीत कोल इण्डिया लिमिटेड स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने कर्मचारी यूनियन से अपील करते हुए कहा कि भारत में औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक गतिविधियां कोविड, 19 महामारी के बाद पुनः सामान्य हो रही है राष्ट्र की ऊर्जा की आवश्यकता में वृद्धि हुई है। हमारे सामुहिक प्रेरित प्रयासों से हम वर्ष 2021-22 के उत्पादन तथा प्रेषण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। इस समय एसईसीएल में कार्य व्यवधान एक प्रतिगामी कदम साबित होगा। वर्तमान परिस्थितियों में प्रस्तावित हड़ताल से न केवल कोयले के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा वरन् इससे राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा आपूर्ति भी प्रभावित होगी इस प्रकार। संबंधित श्रमसंघों का यह कदम कंपनी हित एवं राष्ट्रीय हित, दोनों के संदर्भों में उचित प्रतीत नहीं होता।
ऐसी परिस्थितियों में कोयला उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का हडताल पर जाना, न तो मजदूर हित में है, न कंपनी हित और न ही देश हित में है। प्रस्तावित हड़ताल संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करें एवं उक्त कार्य दिवसों में प्रबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोयला उत्पादन व प्रेषण की गति बनाए रखने में अपना सहयोग प्रदान करें।