न्यूज डेस्क।यह दिल्ली में अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का भ्रष्टाचार विरोधी भारतीय का अंतिम दिन था, जब 23 साल के राघव चड्ढा अरविंद केजरीवाल से मिले। कुछ ही दिनों पाद 2012 में चड्ढा, जो पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट थे और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़े थे, दिल्ली लोकपाल विधेयक का खाका बनाने में लग गए।
अब दस साल बाद चड्ढा राज्यसभा में सबसे कम उम्र के मौजूदा सदस्य बनेंगे। पंजाब की राज्य सभा की खाली सीटों का चुनाव 31 मार्च को होना है। गुरुवार को राघव चड्ढा ने दिल्ली विधान सभा से अपना इस्तीफा भी दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के कार्यालय में उन्होंने अपना इस्तीफा उनको सौंपा।
चड्ढा दिल्ली मॉडर्न स्कूल, बाराखंबा के पूर्व छात्र रहे हैं, उनका आम आदमी पार्टी से जुड़ाव 2012 में शुरू हुआ, वे कई पदों को संभाल चुके हैं। 2015 में पार्टी प्रवक्ता बनने से पहले आरंभ में वे जन लोक पाल जैसे विधेयक का मुख्य खाका बनाने में लगे थे। वह आम आदमी पारटी और इससे जुड़े सदस्यों के कानूनी मसलों के साथ भी काफी नजदीकी से जुड़े थे।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब राघव पार्टी में शामिल हुए, तो वह उन कई युवाओं में से थे, जो हमारी राजनीति की शैली और केजरीवाल की कार्यशैली से प्रभावित थे। जहां उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया वह कड़ी मेहनत थी। इन वर्षों में, उन्हें पार्टी में कई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां दी गई हैं और उन्होंने उन्हें अच्छी तरह से प्रबंधित किया है।”
बताया कि “राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपनी उम्र के दो या तीन बार प्रतिद्वंद्वी नेताओं के साथ एक प्रवक्ता होने से लेकर पार्टी से जुड़े कानूनी मामलों पर नेताओं के साथ काम करने तक, राघव ने बहुत कम उम्र में इसे अच्छा किया है। जबकि शुरुआत में उन्हें पार्टी के सदस्यों और सहयोगियों द्वारा उनके ‘चॉकलेट बॉय’ लुक के लिए चिढ़ाया गया था, उन्होंने वर्षों में काफी वृद्धि दिखाई है और उनका सम्मान अर्जित किया है।”
पार्टी पदाधिकारियों के अनुसार चड्ढा पार्टी के आला नेताओं को यह बताने में सफल रहे हैं कि वे बड़ी जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम हैं। वहां विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के सह-प्रभारी के रूप में नामित किए जाने से पहले, वह 2019 में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक के लिए पार्टी की शीर्ष पसंद थे।