निर्धन, मजदूर और सर्वहारा समाज के सपनों के ‘नवरंग’ थे कामरेड नवरंग लाल, 23वीं पुण्यतिथि पर कोरबा नगरी में दी गई श्रद्धांजलि

0
428

कोरबा। समाज के निर्धन और मजदूरों की सपनों के नवरंग थे कामरेड नवरंग लाल जो दिखने में सरल पर काम ऐसा की शोषक वर्ग नाम से थर्राते थे। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं पर उनकी यादें आज भी सर्वहारा वर्ग पर अमिट छाप की तरह है।

बुधवार को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी। उनके निवास स्थान में प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। बच्चों को किताब कापियां बांटी गईं तो कहीं आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की सहयोग के लिए हाथ बढ़े। अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीजों को फल बांटकर स्व.नवरंग लाल के विचारों को व्यक्त किया। उनके निवास स्थान मुख्यमार्ग सीतामणी में भंडारे का आयोजन किया गया। पुण्यतिथि के अवसर पर भंडारे का आयोजन हुआ। मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंच प्रसाद ग्रहण किया।

जीवन भर मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ी :ऋषिकर भारती

समाज सेवी ऋषिकर भारती ने कहा कि आज के समय में कामरेड नवरंगलाल जैसे नेता बिरले ही होते हैं। हम लाख चाहें पर उनके दिखाए गए मार्ग पर चलना कठिन है। जीवन भर उन्होंने मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ी। कामरेड व्यव्सायी परिवार में जन्म लेने के बावजूद व्यवसाय की और रुख करने की वजाय सामाजिक ढांचे में वयाप्त शोषण वर्ग,संघर्ष और वर्ग वैमनस्य के खिलाफ लाल झंडा उठाकर संघर्ष के मैदान में उतर गए और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।