पुष्पा का ये अवतार झुका भी और…कहीं खुशी कहीं गम,निगम में मितान अवतार…थाल शिष्टाचार का लेकर चले आइये,बिसलेरी के साथ बोरे बासी

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पुष्पा का ये अवतार झुका भी और…

दिसम्बर 2021 में आई सुपर हिट मूवी पुष्पा का डॉयलाग अपुन झुकेगा नहीं… का खुमार आज भी लोगों पर चढ़ा हैं। पुष्पा मूवी के एक्टर अल्लू अर्जुन के डायलॉग का खुमार एक प्रबंधन के मैनेजमेंट अधिकारी पर दिखा और श्रमवीरों को अपने पद का पॉवर दिखाने लगे। पर मजदूर तो मजदूर हैं अपने में आ जाये तो अच्छे अच्छे को औकात दिखा दें। हुआ भी यही मैनेजमेंट के इस पुष्पा वाला अवतार को मजदूरों ने झुकाया भी और…. दिखाया भी!

मतलब साफ है जब मजदूर जागता है तो मालिक की कुर्सी हिलने लगती है। वैसे तो मैनेजमेंट के दमखम पर झंडा गाड़ने वाले एल्युमिनियम कंपनी के सुरक्षा इंचार्ज के कई कारनामा मशहूर हैं। जो लोगों को हल्के में लेकर नियम बनाते रहते हैं, पर इस बार उनके नियम और मैनेजमेंट का असर उल्टा पड़ गया। कंपनी के कर्मचारियों ने प्रबंधन के अड़ियल रवैये से परेशान होकर ऐसी फतह हासिल की जिसकी चर्चा अब लोगों की जुबान तक पहुंच गई है और लोग कहने लगे हैं पुष्पा का ये अवतार झुका भी और टूटा भी!

कहीं खुशी कहीं गम …कैसे भुलाये हम …

राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर निरीक्षकों का स्थान्तरण किया तो खनिज सम्पदा से परिपूर्ण थानेदारों ने कभी ख़ुशी कभी गम का गाना गुनगुना शुरू कर दिया। कुछ थानेदार तो ट्रांसफर से इतने खुश थे कि लगा अब आज आजाद हो गए। हाँ ये भी बात भी है कि कुछ थानेदार ये भी गुनगुना रहे है कि कुछ देर और पिच पर टिके रहते तो रिकार्ड बन जाता…शतक मार लेते पर क्या करें।

मतलब साफ है शतक मारने से चूक गए, पर इस बात की ख़ुशी भी उनके मन में है चलो अच्छा है कम से कम दूसरे जिले में अपने हिसाब से खेल सकते है। यंहा तो ….. कुछ भी मन से नहीं। एक थानेदार तो जरुरत से ज्यादा दुखी थे जो एक हाईप्रोफाइल प्रकरण में बलि का बकरा बनने जा रहे थे। हम जिस हाई प्रोफ़ाइल मामले की बात कर रहे है उसमें जानकारों की माने तो कोई अपराध तो बनता नहीं लेकिन बयान पर लगाम लगाना है तो चलो इसी बहाने दबाव बना लें।

सूत्रों की माने तो यही वजह है कि इस हाईप्रोफाइल मामले में अब तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। एक और थानेदार तो चाह ही रहे थे कि कैसे भी करके कोरबा से बाहर ट्रांसफर हो जाये। अब जब कई बड़े थाना के थानेदार की छुट्टी हो गई तो नए प्रभारी बनने कुछ पुराने खिलाड़ी सक्रिय हो गए हैं। कहा तो यह भी जा रहा कि कुछ चौकी प्रभारी भी थाना लेने की जुगत भिंडा रहे हैं। खैर ट्रांसफर से कुछ निरीक्षक ख़ुशी मना रहे है तो कुछ गम !

निगम में मितान अवतार

राजधानी रायपुर में कका भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री मितान योजना का शुभारंभ किया। जिसमें नागरिकों की सुविधा के लिए 13 लोक सेवाओं के लिए होल डिलीवरी होने की बात कही गई है। जिसमें जन्म-जाति सहित कई प्रमाण पत्र घर बैठे मिलेंगे। इसके लिए बाकायदा टोल फ्री नंबर 14545 जारी किया गया है। यानि घंटी बजी और मितान हाजिर…!

वैसे भी हर निगम और नगरपालिका के दफ्तरों में पहले से ढेरों मितान भरे हुए हैं। जिन कामों के लिए लोगों को सालों से चक्कर लगाना पड़ता था ये मितान उस काम को मिनटों में निपटा देते थे। बात समझ गए ना…..। अब सरकार के नए मितान लोगों को कहां तक राहत दिला पाएंगे, इसी का इंतजार रहेगा। लोग कहने लगे हैं चलो अच्छा ही हुआ अब मितान को खोजने दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा……बस आवेदन दिया और मितान खुद उनको खोज लेंगे, काम आसान हो जाएगा।

थाल शिष्टाचार का लेकर चले आइये…

विष्णु सक्सेना का वो गीत थाल पूजा का लेकर चले आइये, मंदिरों की बनावट सा घर है मेरा…इन दिनों लोगों की सेहत सुधारने वाले विभाग पर फिट बैठ रहा है। वैसे तो कोरोना काल में हुई खरीदी से लेकर निजी हॉस्पिटलों को आशीर्वाद देंने में भी मैच फिक्सिंग का आरोप लगते रहा हैं, पर इस बार विभागीय भर्ती में धांधली का आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है कि विभाग में चल रही भर्ती के लिए बाकायदा अप्रोच के साथ साथ एक गैंग सक्रिय है जो साहब से बात और ज्वाइनिंग लेटर आपके हाथ की बात कर रहे हैं। अब जब इस तरह नौकरी दिलाने के लिए गैंग सक्रिय हो तो चर्चा तो होगी ही!

खबरीलाल की माने तो विभाग में विभिन्न पदों के लिए 150 पदों पर भर्ती हो रहीं हैं। जब नौकरी की बात हो तो शिष्टाचार तो बनता है। ख़ैर एप्रोच के अलावा सरकारी नौकरी करने वाले आवेदनकर्ता कुछ भी करने के लिए तैयार है तो भर्ती निष्पक्ष कैसे होगी, शिष्टाचार तो निभाना ही होगा।

बिसलेरी के साथ बोरे बासी का मजा ही कुछ और है…

अन्ना आंदोलन की आंधी में मैं भी अन्ना तू भी अन्ना की टोपी खूब चली थी। ठीक उसी तरह भूपेश का बोरे बासी का भी क्रेज ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं सर चढ़कर देखने को मिला। इन सबके बीच कुछ ऐसे फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें कई नेताओं और अधिकारियों के सेल्फी की चर्चा हो रही है। इस कड़ी में पाली विकासखंड के बासी उत्सव की चर्चा जोरों पर है।

दरअसल फोटो में बासी खा रहे नेताओं के पास बिसलेरी की बोतल रखी हुई हैं। मतलब साफ है सेल्फी लेकर अपने आप को छत्तीसगढ़िहा बताना और नम्बर बढ़ाना। हाँ ये बात भी है कि छत्तीसगढ़ की फेरवेट डिश को देख जो नाक सिकुड़ते थे आज वे भी बड़े चाव से सामने बासी रखकर सेल्फी पोस्ट कर रहे हैं। इससे जाहिर है कका है तो भरोसा है।

            ✍️  अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा