बेपटरी हुए रेल के पहियों से आधे किलोमीटर तक रेलपांतों के चिथड़े हुए.. 3 घंटों में हुआ सुधार…

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कोरबा। कोयला लेकर जूनाडीह की ओर से कोरबा आ रही एक लोड मालगाड़ी के पहिए बेपटरी हो गए। इसी हालत में यह मालगाड़ी करीब आधा किलोमीटर तक घिसटती हुई दौड़ती रही और किसी को पता ही न चला। जब तक जानकारी हुई, पटरियों की धजी उड़ चुकी थी। मामले की जांच की जा रही है। इस दौरान तीन घंटे परिवहन भी बाधित रहा।

ग्राम कुचैना के पास मालगाड़ी के डी-रेलमेंट की यह घटना शुक्रवार की है। दोपहर में जुनाडीह साइडिंग से कोयला लदान के बाद मालगाड़ी कोरबा के निकाली थी। गेवरा के पहले कुचैना के पास दोपहर लगभग 1.5 बजे अचानक मालगाड़ी के 10वें नंबर के वैगन का पहिया पटरी से उतर गया। पहिया पीछे का था। इस कारण लोको पायलट को इसकी जानकारी देर से हुई। तब तक मालगाड़ी आगे बढ़ चुकी थी और लगभग आधे किलोमीटर तक मालगाड़ी का पहिया पटरी से उतरकर घिसटता रहा। इसकी वजह से रेल लाइन के नीचे लगाए गए लगभग चार से पांच स्लीपर (सीमेंट का बना हुआ) टूट गए। मालगाड़ी के कुछ हलचल होने पर पायलट ने मालगाड़ी रोकी। इसकी सूचना एसईसीएल प्रबंधन और रेलवे प्रबंधन को दी गई। बताया जा रहा है कि जिस पर लाइन में यह घटना हुई है, वह एसईसीएल प्रबंधन के अधीन है। घटना से अफसराें में हड़कंप मच गया। अफसर व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद लाइन को बहाल करने का काम शुरू किया गया। लगभग ढाई से तीन घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद शाम साढे़ चार बजे को मरम्मत का कार्य पूरा किया गया।इस अवधि में रेल लाइन से कोयला परिवहन बाधित रहा। इससे रेलवे और एसईसीएल प्रबंधन को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि अफसर नुकसान का अवलोकन के कार्य जुटे हुए हैं। कोरबा के रेल लाइन व साइडिंग पर मालगाड़ी का डी-रेल होने की घटना पर अंकुश नहीं लग रहा है। आए दिन रेल लाइन से मालगाड़ी के वैगन पहिए उतरने की घटना सामने आ रही है। इसे न तो एसईसीएल प्रबंधन के अफसर गंभीरता से ले रहे हैं और न ही रेलवे प्रबंधन के अधिकारी ध्यान दे रहें हैं।

दीपका व जुनाडीह क्षेत्र में ऐसी कई घटनाएं

गौरतलब है कि नवंबर माह में दीपका रेल साइडिंग पर पांच वेगन के पहिए पटरी से उतर गए। हादसा बढ़ा था। एक वेगन पटरी से पलट गया था, एक वेगन के पीछे के दोनों पहिए अलग हो गए, तीन अन्य वेगन दूसरे लाइन पर बेतरतीब ढंग से इधर-उधर हो गए थे। आए दिन पटरी से वेगन के उतरने की घटना हो रही है, लेकिन इसकी वजह का पता लगाने में अफसर गंभीर नहीं है।