रायपुर। कोरोना जांच में लोगों की लापरवाही रोकने के लिए रायपुर जिला प्रशासन ने पूरा पता और तीन फोन नंबर लिखाए बिना किसी की कोरोना जांच नहीं करने का निर्देश दिया है। जांच कराने वाले को खुद के अतिरिक्त दो नजदीकी रिश्तेदारों अथवा परिचितों के नंबर लिखवाने होंगे।
रायपुर के अपर कलेक्टर ने सभी कोविड-19 जांच केंद्रों के लिए निर्देश जारी किया है। कहा गया है कि जांच के लिए आए व्यक्तियों के निवास का पूर्ण पता एवं 2 अन्य सम्पर्क नंबर लेने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाई करें। ऐसा इसलिए ताकि व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उसके सम्पर्क में आए व्यक्तियों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पलिंग की जा सके।
अपर कलेक्टर ने लिखा है कि कोरोना काे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संक्रामक महामारी घोषित किया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के मुताबिक कोरोना के जांच केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
मरीजों की जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चल रहा है, मरीजों ने निवास का स्पष्ट पता एवं सम्पर्क नंबर सही नहीं दिया है। इसकी वजह से उस संक्रमित मरीज की पहचान, इलाज और उसके संपर्क में आए लोगों ट्रेसिंग एवं सैम्पलिंग भी नहीं हो पा रही है।
पिछले सप्ताह बैठक में आया था मामला
रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने शुक्रवार को नोडल अधिकारियों के साथ कोरोना के हालात की समीक्षा की थी। इस दौरान बताया गया कि कई लोगों ने कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी होम आइसोलेशन के लिए पंजीयन नहीं करा रहे हैं। जांच के समय गलत पता और मोबाइल नंबर दर्ज कराया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
जिले में 81 कंटेनमेंट जोन
कोरोना की तीसरी लहर में रायपुर जिला हॉटस्पाट बना हुआ है। यहां हर रोज औसतन 7500 नमूने लिए जा रहे हैं। वहीं 1500 से अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। अभी यहां 8 हजार 462 सक्रिय मरीज हैं। रायपुर जिले की संक्रमण दर 22.45% से अधिक हो रही है। जिले में 81 कंटेनमेंट जोन सक्रिय हैं।