अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा उदयपुर ब्लाक में एक 17 साल के लड़के ने अपने ही माता-पिता को सिर्फ इस लिए मार कर दफना दिया कि वो अपने बेटे को प्यार नहीं करते थे।
हत्याकांड का पता 5 दिन बाद चला जब लड़के का बड़ा भाई घर पहुंचा। घर में परिजनों के नहीं मिलने और बदबू आ रही थी। इस पर उसने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपी ने हत्या कर शव दफनाने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, उदयपुर क्षेत्र के ग्राम खोधला निवासी जयराम सिंह (50) और फूलसुंदरी बाई (45) के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा हेमंत अपनी पत्नी के साथ ससुराल में रहता है। वह गुरुवार को घर पहुंचा तो मां-बाप नहीं थे।
उसने आसपास पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। घर के अंदर भी काफी बदबू आ रही थी। इस पर हेमंत ने पुलिस को सूचना दी। देर रात पुलिस पहुंची तो हत्याकांड का खुलासा हुआ। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
आरोपी लड़का 12वीं फेल है और काफी गुस्सैल स्वभाव का है। उसे हमेशा लगता था कि उसके माता-पिता बड़े भाई को ज्यादा तवज्जो देते हैं। बड़े भाई की एक साल पहले ही शादी हुई है। वह माइंस में मजदूरी करता है और अपने ससुराल में रहता है। कभी-कभी ही गांव आता था।
आरोपी कुछ नहीं करता था, इसके चलते अक्सर परिजन डांटते-फटकारते भी थे। आशंका है कि इसी बात को लेकर उसके मन में और गुस्सा भर गया था। हालांकि पुलिस को लगता है कि लड़के की मानसिक हालत ठीक नहीं है। मामले की जांच और गांव वालों से पूछताछ भी की जा रही है।
0.लकड़ी काटने वाली वसूली से मारा, वहीं खाना बनाता रहा
पुलिस पूछताछ में आरोपी किशोर ने बताया कि उसने माता-पिता की हत्या करीब 5-6 दिन पहले लकड़ी काटने वाली वसूली से की थी। पहले घर में पिता का शव दफना दिया, लेकिन मां को दो दिन बाद दफनाया।
इसके बाद उसी घर में सोता और खाना बनाता रहा। मौके पर फॉरेंसिक टीम को भेजा गया है। वह मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने ही आरोपी के बयान लिए और फिर शवों को बाहर निकलवाया।