भिंड। मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस का एक कारनामा शहरभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने कामों को लेकर अकसर सुरिखियों में रहने वाली भिंड पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह शनिदेव और यमराज हैं। कमाल ये है कि, उन्हें ये ही नहीं पता कि, कौन शनि हैं और कौन यम। दरअसल, पिछले दिनों शहर के शनि मंदिर से चोर शनिदेव की मूर्ति चुराकर ले गए थे। इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने इसकी शिकायत लहार पुलिस को दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक मूर्ति जब्त कर मंदिर ट्रस्ट को देनी चाही तो मंदिर ट्रस्ट ने उस मूर्ति को लेने से इंकार कर दिया। क्योंकि, पुलिस जो मूर्ति जब्त करके लाई थी, शनिदेव की नहीं बल्कि यमराज की थी।
पुलिस जब शनि मंदिर में चोरी गई मूर्ति लौटाने पहुंची मंदिर ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि, ये वो मूर्ति है ही नहीं जो चोरी गई थी, क्योंकि चोरी जाने वाली मूर्ति शनिदेव की थी, जबकि, आप जो मूर्ति लौटाने आए हैं वो यमराज की है। फिलहाल, मंदिर ट्रस्ट द्वारा मूर्ति लेने से इंकार करने के बाद अब पुलिस यमराज को थाने ले आई है और यहां के मालखाने में मूर्ति रख दी गई है।
शहरभर में हो रही पुलिस की किरकिरी
बता दें कि, मामला शहर के लहार थाने के अंतर्गत आने वाले भाटनताल स्थित नवग्रह मंदिर का है। यहां गुजरे 21 जनवरी की रात चोर शनिदेव की मूर्ति उखाड़कर ले गए थे। वारदात के बाद मंदिर ट्रस्ट की ओर से इसकी शिकायत थाने में की थी। पुलिस एक मूर्ति बरामद कर उसे मंदि ट्रस्ट को लौटाने पहुंची, लेकिन मूर्ति शनिदेव की न होकर यमराज की है। फिलहाल, पुलिस द्वारा मूर्ति की पहचान को लेकर इस तरह का अंजान रवैय्या सामने आने के बाद अब शहरभर में पुलिस की किरकिरी हो रही है।
SDOP और मंदिर ट्रस्ट के बीच हुई बैठक
जानकारी तो यहां तक सामने आई है कि, पुलिस की किरकिरी छुपाने के लिए लहार SDOP अवनीश बंसल ने मंदिर ट्रस्ट के साथ एक बैठक भी की, जिसमें उन्होंने मूर्ति रख लेने की बात कही ताकि, शहर में हो रही किरकिरी को खत्म किया जा सके। लेकिन, मंदिर प्रबंधन की ओर से किसी भी शर्त पर मूर्ति लेने से इंकार कर दिया।