अन्य विभागों को न दें मंडल संयोजक का प्रभार : सोनमणि बोरा

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The Duniyadari: रायपुर– आदिम जाति विकास विभाग के प्रिंसिपल सिकरेट्री सोनमणि बोरा ने राज्य के सभी कलेक्टरों और संभागायुक्तों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि आदिवासी विकास के मंडल संयोजक पद का प्रभार किसी भी हाल में अन्य विभागों के अधिकारियों या कर्मचारियों को न सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि इस निर्देश की अनदेखी करने पर यदि विवाद या न्यायालयीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहा गया है पत्र में?

प्रिंसिपल सिकरेट्री ने अपने पत्र में लिखा है कि संयोजक, आदिवासी विकास का पद राज्य के अनूसूचित क्षेत्रों में सेटअप अनुसार स्वीकृत है। इनके माध्यम से विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावास आश्रम का सुचारू संचालन एवं पर्यवेक्षण का महत्वूपर्ण कार्य किया जाता है। इसके साथ विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यों के संपादन में भी इनका सहयोग लिया जाता है।

वर्तमान में शासन के संज्ञान में यह आया है कि संभाग आयुक्त एवं जिला कलेक्टरों द्वारा अन्य विभागों से कर्मचारियों को मंडल संयोजक के पद का प्रभार दिया जा रहा है, जो कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। अन्य विभागों के कर्मचारी को इस विभाग की योजनाओं एवं कार्यों की जानकारी नहीं होती है साथ ही इस पद के प्रभार देने व हटाये जाने से न्यायालयीन प्रकरण की स्थिति निर्मित होती है। इनकी शिकायतों तथा अनियमितता से विभाग को आपत्तियों का सामना करना पड़ता है, जो शासन हित में नहीं है।

किसे मिल सकता है प्रभार?

विभागीय भर्ती, पदोन्नति नियमानुसार मंडल संयोजक का पद रिक्त होने पर उस विकासखंड में पदस्थ वरिष्ठ छात्रावास अधीक्षक, विभागीय लिपिक संवर्गीय कर्मचारी को प्रभार दिया जाए। अपरिहार्य परिस्थितियों में यदि जिला स्तर से किसी मंडल संयोजक के पद का प्रभार अन्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी/शिक्षकों को सौंपा जाना है, तो उसका औचित्यपूर्ण प्रस्ताव शासन को प्रेषित करते हुए आवश्यक अनुमोदन उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जाये।

स्पष्ट चेतावनी

सोनमणि बोरा ने कहा है कि भविष्य में निर्देशों का उल्लंघन हुआ तो जिम्मेदारी तय कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी जिलों में नियमों और निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

यह कदम आदिम जाति विकास विभाग की पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।