The Duniyadari : कोरबा। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सामाजिक तनाव का माहौल बन गया है। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद जारी उनके वीडियो बयान ने पूरे प्रदेश में भारी विरोध भड़का दिया है।
अमित बघेल ने अपने बयान में महाराजा श्री अग्रसेन जी महाराज, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और सिंधी समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि “केवल छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्तियां ही क्यों तोड़ी जाती हैं, अन्य महापुरुषों की मूर्तियां क्यों नहीं तोड़ी जातीं।” इतना ही नहीं, उन्होंने महाराजा अग्रसेन जी को अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया और सिंधी समाज पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद पूरे राज्य में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज में भारी आक्रोश फैल गया।
रायपुर, सरायपाली, रायगढ़ और सरगुजा सहित कई जिलों में समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में कोरबा सिटी कोतवाली में अग्रवाल और सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने एकत्र होकर अमित बघेल के खिलाफ ज्ञापन सौंपा और उन पर धार्मिक एवं सामाजिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज करने की मांग की।
यह पहली बार नहीं है जब अमित बघेल विवादों में घिरे हों। इससे पहले साल 2022 में उन्होंने बालोद जिले के एक कार्यक्रम में जैन समाज और जैन मुनियों के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था। उस समय भी विरोध के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
सामाजिक संगठनों का कहना है कि ऐसी बयानबाजी प्रदेश की सामाजिक एकता और सद्भावना को आहत करती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा कायम रह सके।




























