The Duniyadari : बिलासपुर। सरकंडा के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक–90 में पदस्थ सहायिका पुष्पा पर लगाए गए दस्तावेज़ों में हेरफेर के आरोप अब गंभीर विवाद का कारण बन गए हैं। शिकायतकर्ता मन्नू मानिकपुरी ने दावा किया है कि जन्मतिथि बदलकर सरकारी नौकरी प्राप्त की गई, जिसे लेकर विभागीय स्तर पर जांच की मांग की गई थी।

जांच रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल
जांच का जिम्मा यूआरसी अधिकारी वासुदेव पांडेय को सौंपा गया, लेकिन उनकी रिपोर्ट ने पूरे मामले को और उलझा दिया है।
रिपोर्ट में जन्मतिथि से जुड़े दो अलग-अलग दस्तावेज़ मौजूद होने के बावजूद उनकी गहन जांच नहीं की गई। कई महत्वपूर्ण विसंगतियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर देने से यह आशंका गहराई है कि जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं की गई।
दो विभागों की खामोशी ने बढ़ाई शंका
महिला एवं बाल विकास विभाग इस प्रकरण पर कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं है।
शिक्षा विभाग ने भी चुप्पी साधकर माहौल को और संदिग्ध बना दिया है।
लोगों का कहना है कि यदि सब कुछ नियमों के अनुसार है, तो फिर दोनों विभाग किसी भी सवाल का जवाब देने से क्यों बच रहे हैं? यह चुप्पी ही आरोपों को और मजबूत कर रही है।
बच्चों की सुरक्षा पर असर की आशंका
आंगनबाड़ी केंद्र वह स्थान है जहां बच्चों के पोषण, सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी होती है। ऐसे महत्वपूर्ण केंद्र में दस्तावेजी गड़बड़ी के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई न होना व्यवस्था की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल है।
अधिकारियों की लापरवाही पर बढ़ रहा रोष
आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया और कागजों में फेरबदल कर नौकरी दिलाई गई।
इसके बावजूद विभागीय अधिकारी न तो खुलकर कोई जवाब दे रहे हैं और न ही जांच अधिकारी अपनी रिपोर्ट को लेकर स्पष्टीकरण देते नज़र आ रहे हैं।
मामला संवेदनशील, कार्रवाई की प्रतीक्षा
अधूरी जांच और विभागों की खामोशी ने इस पूरा घटनाक्रम बेहद संवेदनशील बना दिया है।
अब स्थानीय लोग और शिकायतकर्ता दोनों यही जानना चाहते हैं कि बच्चों से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर आखिर कब तक आंखें मूंदकर बैठा रहेगा विभाग, और कब वास्तविक तथ्यों के आधार पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।














