आज मेडिकल पीजी पाठ्यक्रम की काउंसलिंग नहीं

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The Duniyadari: बिलासपुर- स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 18 फरवरी को होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान दिया। अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी।

दरअसल, सेवारत डॉक्टरों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 2024 की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक प्राप्त करने के बावजूद, काउंसलिंग में कई अपात्र उम्मीदवारों को सेवारत श्रेणी का अनुचित लाभ दिया गया। नियमानुसार, इस श्रेणी में पात्रता के लिए 31 जनवरी 2024 तक न्यूनतम तीन वर्षों की सेवा पूरी करना आवश्यक था, लेकिन अधिकारियों ने इस कटऑफ तिथि के बाद भी सेवा अवधि की गणना कर दी, जिससे अयोग्य उम्मीदवारों को भी प्रवेश का अवसर मिल गया।

याचिकाकर्ता डॉ. यशवंत राव और डॉ. पी. राजशेखर ने बताया कि उन्होंने विभाग से इस गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जांच में यह भी सामने आया कि एक निजी उम्मीदवार को सेवारत श्रेणी में गलत तरीके से शामिल कर दिया गया।

सोमवार को हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने भी माना कि शिकायत प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रही है। कोर्ट ने पाया कि कटऑफ तिथि के बाद एक निजी उम्मीदवार को सीट आवंटित की गई थी। स्ट्रे राउंड काउंसलिंग आज से शुरू होनी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल एक उम्मीदवार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समान स्थिति वाले अन्य सभी उम्मीदवारों पर भी लागू होगा। महाधिवक्ता को निर्देश दिया गया है कि इस आदेश की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करें।