इस फोटोग्राफर की तस्वीरों को देख लगता है… अभी ये बोल पड़ेंगी..

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कोरबा। खूबसूरत नजारों, पहाड़ों, बादलों में प्रकृति के कैनवास पर कब ऐसा नजारा उभर जाए, जिसे देखकर दिल नाच उठे, कहा नहीं जा सकता। पर ऐसे ही विलक्षण पलों को कैद कर लेने का हुनर एक फोटोग्राफर को अद्वितीय बनाता है। अमित सोनी भी उन्हीं चुनिंदा तस्वीरकारों में से एक हैं, जिनके कैमरे में कैद तस्वीरों को देख आपको भी लगेगा, मानों अभी वे बोल पड़ेंगी।

कहते हैं कि शौक बड़ी चीज होती है और ये बात अमित सोनी ने सच कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ के जशपुर के ख्यातिलब्ध फोटोग्राफर अमित सोनी द्वारा खींची गई तस्वीरों को देखकर आपका दिल भी नाच उठेगा। उन्होंने बचपन के शौक को ही अपना प्रोफेशन बना लिया। आइए आपको दिखाते हैं, उनके नजरिए और कैमरे के कुछ बेजोड़ कमाल। जानिए कि उन खूबसूरत झलकियों को, जो उनकी नजर और कैमरे के जादू को बयां करता है।

अमित ने बताया कि विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरूआत नौ जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी। इसके पीछे की कहानी कुछ यूं है, कि उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी। जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने इसका आविष्कार किया था।

इसके बाद 19 अगस्त, 1839 को फांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल किया। यही वो दिन है, जिसे हमेशा याद रखने के लिए हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।