एक ऐसा कातिल जिसने कत्ल किया फिर हुलिया बदल अपने ही मौत की साजिश रची.. और घूमता रहा कोरबा, 36 घंटे में कातिल पकड़ लाई एसपी की साइबर टीम…

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0 जांजगीर चांपा पुलिस ने वारदात के डेढ़ दिन में सुलझाया बिलासपुर के ऑटो चालक की हत्या का सनसनीखेज मामला

जांजगीर-चांपा। देर रात रेलवे स्टेशन से सवारी लेकर निकले ऑटो चालक की हत्या का मामला सामने आया था। जब पुलिस टीम ने तफ्तीश की तो बड़ी बात सामने आई। दरअसल जिसकी हत्या होने की जांच हो रही थी, वही हत्यारा निकला। किसी बात से आवेश में आए चालक ने सवारी को मार डाला। फिर उसकी पहचान छुपने पत्थर से सिर को बुरी तरह कुचल दिया और कातिल ने हुलिया बदलकर खुद को मृतक साबित करने की कोशिश की। वारदात की तह तक पहुंचने पुलिस की साइबर टीम ने अनगिनत सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकार्ड खंगाले। बिना रुके की गई मेहनत का नतीजा यह कि हत्या के 36 घंटे के भीतर कातिल के मंसूबों पर पानी फेरते हुए जांजगीर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार 36 वर्षीय ऑटो चालक शंकर शास्त्री दोमोहानी गांव ढेका बिलासपुर का रहने वाला है। वह बिलासपुर रेल्वे स्टेशन के गेट नंबर 3 से सवारी लेकर जिले के विभिन्न जगहो पर छोड़ता था। 25-26 दिसंबर की दरमियानी रात चौकी पंतोरा गुचगुलिया नाला के पास रोड में सिर को पत्थर से कुचलकर अज्ञात आरोपी द्वारा हत्या कर दी गई थी। आटो को पलटाकर दुर्घटना का रूप दे दिया गया था। पंतोरा पुलिस चौकी में मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कार्यवाही में लिया और धारा 302 कायम कर विवेचना शुरू की गई। इस दौरान आटो चालक द्वारा दिनांक 25 दिसंबर की रात्रि 19:35 बजे बिलासपुर रेल्वे स्टेशन से एक यात्री को लेकर जाते सीसी टीवी फुटेज में दिखाई दिया। बिलासपुर शहर के कई सीसी टीवी फुटेज को देखने पर आटो चालक एक एसबीआई एटीएम में पैसे निकालते हुए रात 20:04 बजे, फिर वसुंधरा नगर महाराणा प्रताप चौक स्थित शासकीय वाइन शॉप में रात 20:14 बजे शराब लेता दिखाई दिया। इसके बाद महिमा कॉम्प्लेक्स व्यापार बिहार रोड में 20:22 बजे , बाराखोली चौक 20:28 बजे, तोरवा थाना चौक मे 20:35 बजे, मोपका सीपत मे 21:23 बजे, ग्राम कुली में रात 21:48 बजे , बलौदा से 22:02 बजे और अंततः खिसोरा सीसीटीवी फुटेज में देर रात 22:26 बजे दिखाई दिया। इस बीच ऑटो में सवार यात्री द्वारा अपने फोन पे से आटो चालक शंकर शास्त्री के फोन पे में 210 रूपए ट्रांसफर किया गया। जिस नंबर से ट्रांसफर किया गया था उसकी जानकारी फोन पे से लेने पर मोबाईल धारक चुरामन साव पिता स्व. श्यामलाल साव निवासी गुंजरडीह थाना नावाडीह जिला बोकारो (झारखण्ड) से ट्रांसफर होना पता चला। साइबर तकनीक द्वारा उसके कोरबा में मौजूदगी का पता चलने पर तत्काल जिला साइबर टीम को कोरबा रवाना किया गया। कोरबा पुलिस की सहायता से कोरबा जिले में पतासाजी पर पुराना बस स्टैण्ड स्थित ज्योति लॉज में उसके होने का पता चला एल। ज्योति लॉज में पूछने पर पता चला कि 27 दिसंबर की सुबह 10 बजे वह लॉज से चेकआउट हो गया था। रजिस्टर चेक करने पर चुरामन साव अपने पता के अलावा मोबाईल में शंकर शास्त्री का मोबाईल नंबर दर्ज किया गया था। जबकि इस मोबाईल नंबर के लगातार बंद होने से पुलिस का शक उस पर ठहर गई। जांच तेज की गई और 28 दिसंबर को कोरबा रेलवे स्टेशन में इसे पकड़ लिया गया। लड़ाई से पूछताछ करने पर राज खुल गया। यह कोई और नहीं, बल्कि वही ऑटो चालक शंकर शास्त्री है, जिसकी मौत की जांच शुरू की गई थी। उसने बताया कि उसने मृतक चूरामन साव से उसका मोबाइल 3500 में खरीदा था। रूपए एसबीआई एटीएम से निकाल कर देने पर उसके लिए शराब और चखना खरीदा। तोरवा थाना चौक से निकल कर मोपका, सीपत, कुली से बलौदा होते हुये लगभग 10:30 बजे खिसोरा गांव से थोड़ी ही दूर मे आटो बंद पड़ गया। पहले तो आटो को फूंक मारने पर ऑटो पुनः चालू हो गया पर कुछ दूर जाकर वह फिर बंद पड़ गया। तब चालक ने आटो में सो रहे चुरामन को नीचे उतरने को बोला। वह गहरी नींद में था, तो गुस्से में उसका पैर पकड़कर खीचा। वह नींद की स्थिति में सीधे नीचे सड़क पर गिर गया। उसके सिर से खून बहने लगा और मर गया। पुलिस से बचने चालक ने एक कहानी बनाई। वह उसकी टी-शर्ट और पेंट निकालकर अपना पहना हुआ टी शर्ट, जूते व अपना लोवर उसको पहना दिया। साथ ही आटो को पल्टा दिया तथा उसके पहने टी शर्ट व उसके बैग में रखे एक काले रंग का फुलपेंट को पहन लिया। फिर वहीं रोड के किनारे पड़े एक बड़े से पत्थर से उसके सिर में दो बार पटक कर उसके चेहरे को कुचल कर उसकी हत्या कर दी, ताकि कोई पहचान न सके। अपना मोबाईल मृतक के पास रख दिया ताकि लोग यह समझें कि ऑटो चालक शंकर शास्त्री का एक्सीडेंट हो गया है, और वह मर गया। ऑटो चालक स्वयं जंगल के रास्ते पंतोरा चौकी के पीछे से सड़क में आ गया और एक ट्रक में बैठकर कोरबा चला गया।

पहचान छुपाने सिर मुंडवाकर कोरबा में घूमता रहा आरोपी

चालक शंकर शास्त्री कोरबा में पुराना बस स्टैण्ड के पास एक पीपल पेड़ के नीचे सुबह 9 बजे तक बैठा रहा। फिर अपनी पहचान छुपाने पास के सेलून में जाकर अपना सिर मुंडन करा लिया। फिर ज्योति लॉज में एक रूम किराये में लिया। अपना नाम बैग से आधार कार्ड निकालकर मृतक चुरामन साव का नाम लिखाया। होटल वाले ने मोबाईल नंबर पूछा तो अपना मोबाईल नंबर लिखाया दिनभर रूम में पड़े रहने के बाद शाम को बाहर निकलकर चाय पिया और लॉज वापस आकर रात्रि में लॉज के कमरे में सो गया। 27 दिसंबर की सुबह लगभग 10 बजे रूम छोड़कर कोरबा में ही घूमता रहा। जुर्म स्वीकार करने पर विधि सम्मत कार्यवाही करते हुए आरोपी शंकर शास्त्री अपराध दर्ज कर ज्युडिसियल रिमाण्ड पर भेजा गया है। मृतक चुरामन साव का शव, जिसे शंकर शास्त्री मानकर से भाटापारा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में दफनाया गया है, उसे उसके परिजनो से शिनाख्ती बाद विधिवत कार्यवाही की जाएगी।


साइबर सेल की मदद से इन्होंने निभाई अहम भूमिका

 

उलझनों से भरे इस केस को सुलझाने चौकी पंतोरा थाना बलौदा में सायबर सेल के निरीक्षण प्रवीण कुमार द्विवेदी, उप निरीक्षक पारस पटेल, सहायक उप निरीक्षक मुकेश पाण्डेय, प्रधान आरक्षक विवेक सिंह, राजकुमार चंन्द्रा, बलवीर सिंह, आरक्षक रोहित कहरा, गिरीश कश्यप, थाना प्रभारी बलौदा उप निरीक्षक मनोहर सिन्हा, चौकी प्रभारी पंतोरा दिलीप सिंह, आरक्षक शहबाज खान, नंद कुमार पटेल, कोरबा सायबर सेल के उप निरीक्षक नवीन पटेल, सहायक उप निरीक्षक अजय सोनवानी, आरक्षक रवि चौबे, चन्द्रकांत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।